कॉमनवेल्थ गेम्स : पहलवान बहू प्रैक्टिस से आती तो सास बादाम तैयार किए मिलती है, अब पूजा सिहाग ने देश की झोली में डाला पदक

कॉमनवेल्थ गेम्स : पहलवान बहू प्रैक्टिस से आती तो सास बादाम तैयार किए मिलती है, अब पूजा सिहाग ने देश की झोली में डाला पदक
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सास-बहू में गजब का कंबिनेशन है। सास के बादाम और बहू की मेहनत ने देश की झोली में एक और मेडल डलवा दिया।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

गांव गढ़ी बोहर की बहूरानी पूजा सिहाग ने बमिंर्घम कॉमनवेल्थ गेम्स में पूजा ने कांस्य पदक जीता है। उनकी जीत पर पूरा परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा। शनिवार को टीवी पर पूजा का मुकाबला देखा और जब पदक पक्का हो गया तो उसी समय लड्डू बांटने शुरू कर दिए। पूजा का मायका हांसी के पास गांव सिसाय है और उसकी शादी गढ़ी बोहर के अजय के साथ हुई है। शादी से पहले पूजा सिसाय में ही संजय सिहाग के पास कोचिंग लेती थी। फिलहाल इंद्रदेव एकेडमी गढ़ी बोहर में मंजीत नांदल उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं। पूजा हर रोज सुबह-शाम पांच घंटे प्रैक्टिस करती हैं।

प्रैक्टिस के बाद जब वह घर पहुंचती हैं तो सास सुनीता उनके लिए बादाम तैयार किए मिलती है। सास-बहू में गजब का कंबिनेशन है। सास के बादाम और बहू की मेहनत ने देश की झोली में एक और मेडल डलवा दिया।पूजा के लिए यहां तक पहुंचाना आसान नहीं था सपना दिखाने वाले पिता का निधन हो गया। लेकिन पिता के निधन के बाद उन्हें इस सपने तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनके ससुर बिजेंद्र ने ली, जो उन्हें बिल्कुल वैसा ही सपोर्ट कर रहे हैं, जैसे उनके पिता ने किया था।


पूजा सिहाग का फाइनल मैच देखते परिवार और पड़ोसी।




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