IG और DGP विवाद : आइजी वाई पूर्ण कुमार की याचिका पर सुनवाई स्थगित

IG और DGP विवाद : आइजी वाई पूर्ण कुमार की याचिका पर सुनवाई स्थगित
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वाई पूर्ण कुमार की याचिका में आरोप है कि उन्होंने डीजीपी के खिलाफ अंबाला के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत खुद जाकर दी थी। पूर्ण कुमार ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति वर्ग से होने के कारण उन्हें डीजीपी प्रताड़ित कर रहे हैं।

अंबाला रेंज के महानिरीक्षक रहे व आइजी होमगार्ड वाई पूर्ण कुमार ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज न करने के खिलाफ जो याचिका दायर की थी उस पर सुनवाई 12 जुलाई के लिए स्थगित हो गई है। शुक्रवार को कोर्ट रूम में केस की फाइल न पहुंचने के कारण कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के आदेश पर इस केस में सरकार ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को रिकार्ड में रखा। जांच रिपोर्ट में, राम कुमार, डीएसपी (अंबाला छावनी) ने जांच के बाद यह पाया गया है कि कुमार द्वारा लगाए गए आरोप में से कोई भी आरोप अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) (अत्याचार निवारण) अधिनियम और शिकायत उक्त अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं है। जांच के दौरान डीएसपी ने डीजीपी यादव और आई जी पूर्ण कुमार दोनों से अपना जवाब देने को भी कहा था। यादव ने अपना जवाब ईमेल के जरिए भेजा था । लेकिन कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया जिसके बाद जांच अधिकारी ने उनकी शिकायत की सामग्री को बयान माना। जांच में माना गया है कि यादव के खिलाफ अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (एससी / एसटी) के तहत कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है

वाई पूर्ण कुमार की याचिका में आरोप है कि उसने डीजीपी के खिलाफ अंबाला के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत खुद जाकर दी थी। पूर्ण कुमार ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति वर्ग से होने के कारण उन्हें डीजीपी प्रताड़ित कर रहे हैं। इसलिए एससी एसटी एक्ट के तहत डीजीपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। लेकिन अंबाला के पुलिस अधीक्षक ने बगैर मामला दर्ज किए मामले की प्रांरभिक जांच एक डीएसपी को सौंप दी जबकि नियमों के तहत एससी एसटी एक्ट के तहत दी गई शिकायत पर पहले एफआइआर दर्ज कर जांच होनी चाहिये। गौरतलब है कि अंबाला रेंज के आइजी रहते हुए वाई पूर्ण कुमार तीन अगस्त 2020 को शहजादपुर ट्रैफिक थाने में शिवलिंग की स्थापना को लेकर हुए कार्यक्रम में गए थे। तब डीजीपी ने आइजी से जवाब तलब किया था। वाई पूर्ण कुमार का कहना है कि एक अन्य आईपीएस अभिषेक जोरवाल भी इस कार्यक्रम में गए थे, लेकिन उनसे जवाब तलब नहीं किया गया केवल उनको जातीय भावना के चलते निशाना बनाया जा रहा है।

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