IG और DGP का विवाद : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पास पहुंचा मामला, डीजीपी हो सकते हैं तलब

हरिभूमि न्यूज. अंबाला
आईजी होमगार्ड वाईपूर्ण कुमार का मामला अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पास पहुंच गया है। खुद आईजी ने आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के समक्ष पेश होकर अपने मामले से अवगत करवाया। इस दौरान उन्होंने डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भेजी शिकायत का भी जिक्र किया। कहा कि शिकायत के बावजूद अभी तक उसके मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। फिलहाल आयोग ने इस मामले में डीजीपी को तलब करने की बात कही है।
डीजीपी पर लगाए जातीय भेदभाव के आरोप
आईजी वाई.पूर्ण कुमार ने कहा कि डीजीपी मनोज यादव ने शहजादपुर थाने में बने मंदिर में जाने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। जातीय भेदभाव के मकसद से उन्हें नोटिस भेजा गया था। आईजी ने इस बात का भी जक्रि किया था कि जिस दिन वे मंदिर में गए थे उस दिन सार्वजनिक अवकाश था। तब उनके साथ तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल भी थे। मगर डीजीपी ने एसपी को कोई नोटिस नहीं भेजा। जबकि स्पष्टीकरण के जरिए उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि डीजीपी के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करवाने के लिए अंबाला पुलिस को भी शिकायत दी गई। मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जांच के नाम पर उसकी शिकायत को लटकाया गया है।
नोटिस का नहीं दिया गया कोई जवाब
शिकायत पर कार्रवाई न करने को लेकर आईजी वाई.पूर्ण कुमार के पैरवीकार एडवोकेट उदय सिंह चौहान की ओर से एसपी हामिद अख्तर व एसएचओ कैंट विजय कुमार को नोटिस भेजा गया था। डीजीपी के खिलाफ केस दर्ज न करने को लेकर दोनों अधिकारियों से तुरंत जवाब देने की बात कही थी। चौहान ने बताया कि अभी तक किसी अधिकारी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग संवैधानिक संस्था है। जातीय भेदभाव के ऐसे में मामलों में आयोग किसी भी अधिकारी को तलब कर सकता है। डीजीपी भी इस दायरे में आते हैं।
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