Illegal Colony : जहां कोई मकान नहीं, ऐसी विरान पड़ी जमीन को घोषित किया 'वैध कालोनी'

दलबीर सिंह/भूना। अधिकारियों की कथित मिलीभगत के चलते सरकार ने शुक्रवार को ऐसी अवैध कॉलोनीयों को वैध कर दिया, जहां पर आबादी और सुविधापूर्ण नाम की कोई चीज नहीं है, जबकि नगर पालिका के दायरे में 1985 से विकसित कॉलोनियों में आज भी रिहायशी जमीनों की रजिस्ट्री का पंजीकरण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। यह रिहायशी कॉलोनियां शहर के बीचों-बीच और आबादी शत-प्रतिशत होने के बावजूद अवैध श्रेणी में है। नगर पालिका के दायरे से बाहर और विरान पड़ी जमीन को सरकार ने वैध कर दिया, जहां पर एक भी घर नहीं है।
नगर पालिका ने मुरब्बा नंबर 363, 385, 386 व 217 की 98 फीसदी कस्ता जमीन को वैध किया हुआ है, जो सरासर भू-माफिया या कलोनाइजरों को इसका फायदा उठाने के लिए छूट दी हुई है। जहां शहर वर्षों पहले बसा था वहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से तरस रहे हैं और उनकी कॉलोनी अवैध श्रेणी में है। जिम मुरब्बा नंबर 265 व 266 बाजार में गुरुद्वारा साहिब एरिया से लेकर लक्ष्मी अनाज मंडी क्षेत्र, ढाणी सांचला रोड मुरब्बा नंबर 264, टोहाना रोड व अनाज मंडी एरिया के आसपास मुरब्बा नंबर 242, 216, 215, 241, 360 गखड़ कॉलोनी में रिहायशी जमीनों की रजिस्ट्री प्रतिबंधित है। नगर पालिका इस क्षेत्र की वैध होने से संबंधित कोई एनओसी नहीं दे रही, जबकि कमर्शियल एरिया की रजिस्ट्री को स्वीकृति मिल जाती है।
कालोनाइजरों ने 10 साल पहले 25 एकड़ में काटी बाबा राणाधीर कॉलोनी, अवैध की वजह से एक भी घर नहीं
शहर के नागरिक जोगिंदर सिंह, कृष्ण कुमार, दीपक कुमार, नरेश कुमार, अमरजीत सिंह, बंसीलाल आदि ने बताया कि उकलाना रोड पर मुरब्बा नंबर 294 व 310 पर कांग्रेस के शासनकाल में भू-माफिया ने 25 एकड़ में बाबा राणाधीर नाम से कॉलोनी काटकर सैकड़ों प्लाट विभिन्न साइज के बनाकर लोगों को बिक्री करने शुरू किए थे। जिला नगर योजनाकार विभाग फतेहाबाद की टीम ने अवैध कॉलोनी की कच्ची सड़कों को तोड़कर सूचना नोटिस बोर्ड भी लगा दिए गए थे। इसके बाद कॉलोनी में प्लाटों की खरीद-फरोख्त बंद हो गई और एक भी व्यक्ति ने रिहायशी मकान नहीं बनाया था और प्लाटों के दाम भी गिर गए थे। वर्षों से विरान पड़ी कॉलोनी को मुख्यमंत्री द्वारा शुक्रवार को वैध घोषित करने पर शहर वासी हैरान है। क्योंकि जहां पर शत-प्रतिशत आबादी होने और वर्षों से विकसित कॉलोनियों को वैध नही किए जाने से आम जनता को राहत देने की जगह कॉलोनाइजरों को फायदा दिया गया।
शहर की कई प्रमुख कालोनियां एवं अनाज मंडी एरिया आज भी अवैध
अनाज मंडी एरिया निवासी विनोद कुमार, सुरेश कुमार, जितेंद्र कुमार, सतपाल सिंह आदि ने बताया कि भूना का विकास राम भरोसे हो रहा है। शहर की वषार्ें पुरानी कॉलोनिया व अनाज मंडी आज भी अवैध श्रेणी में है। क्योंकि यहां कमर्शियल को छोड़कर दूसरे प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं हो रही। नगर पालिका इसे अवैध मान रही है। अफसर शाही हावी है और लोग परेशान हैं। मुख्यमंत्री ने 6 अक्टूबर शुक्रवार को भूना की 10 कॉलोनियों को वैध घोषित किया। इनमें गणेश कॉलोनी, चंदन नगर तथा न्यू सैनी कॉलोनी को छोड़कर किसी भी कॉलोनी में 5 फीसदी से ज्यादा आबादी नहीं है, किंतु शत-प्रतिशत आबादी वाली कॉलोनियों व अनाज मंडी क्षेत्र के लोगों की समस्या ज्यों की त्यों छोड़ दी, जो शहर वासियों के लिए जी का जंजाल बनी हुई थी। रिहायशी जमीनों की रजिस्ट्रियां नहीं होने के कारण काफी लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भू-माफिया को फायदा पहुंचाने से पहले आम जनता को भी राहत देनी चाहिए थी।
क्या कहते हैं नगर पालिका सचिव
नगर पालिका के सचिव जतिंद शर्मा ने बताया कि आबादी देह एरिया की समस्या का समाधान 30 अक्टूबर तक हो जाएगा। इसके बाद शहर में रिहायशी या कमर्शियल जमीन की रजिस्ट्री हाथों-हाथ होगी और शहर का विकास भी तेजी से बढ़ेगा। सचिव ने बताया कि 5 अक्टूबर को नगर पालिका ने आबादी देह का दायरे का नक्शा बनाकर सरकार को भेज दिया है। उन्होंने कस्ता जमीन को वैध करने के सवाल पर जवाब दिया कि शहर का दायरा बढ़ाना है और जो कालोनियां वैध घोषित की गई है वहां अब तेजी से विकास कार्य होंगे।
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