लापरवाही : अनपढ़ विधवा महिला को बना दिया सरकारी मुलाजिम, अब पेंशन पर खतरा

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
गांव छतैहरा, उम्र 36 साल, दो लड़कियों और 1 लड़के की मां। पिछले एक साल से अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रही है। इस उम्मीद में कि उसे उस गलती की सजा मिलनी बंद हो, जोकि उसने की ही नहीं। तीन बच्चों की मां और विधवा सुनीता किसी तरह से अपने बच्चों का भरण-पोषण कर रही है।
गांव में जैसे-कैसे गुजारा चल रहा था, कि परिवार पहचान पत्र के सर्वे में सर्वे करने वाले ने सुनीता को सरकारी कर्मचारी दिखाई दिया। शड्यूल कास्ट से संबंध रखने वाले अनपढ़ सुनीता को तो दूर-दूर तक नहीं पता था कि उसके साथ क्या हुआ है। बेचारी गांव में दिहाड़ी-मजदूरी कर अपना परिवार चला रही थी। एक दिन राशन लेने गई तो पता चला कि परिवार पहचान पत्र भी राशन कार्ड के साथ जुड़ेगा तो परिवार पहचान पत्र का प्रिंट निकलवाया। जिस युवक ने प्रिंट निकाला उसने पूछा कि सरकारी नौकरी करती हो तो सुनीता ने स्पष्ट कहा कि नहीं। इस पर युवक ने बताया कि आईडी में तो ये ही लिखा हुआ है। सुनीता ने युवक से पूछा कि ये ठीक हो जाएगा या नहीं तो युवक ने उत्तर दिया था कि हां ठीक हो जाएगा। उसके बाद से एक साल हो गया कभी किसी दफ्तर में तो कभी किसी अधिकारी के यहां गुहार लगा ली है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला। सुनीता को इस बात की परेशानी है कि कहीं फैमिली आईडी में सरकारी कर्मचारी लिखा होने की वजह से उसकी विधवा पेंशन ना रूक जाए। क्योंकि एक वो ही ती सहारा है, अगर वो ही रूक गई तो बच्चे कैसे पालेगी। इसके अलावा राशन कहां से लाएगी, बीपीएल वाले फायदें कैसे मिलेंगे। अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में ही सुनीता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
सैंकड़ों लोग हैं परेशान, पेशे में नहीं हो रहा बदलाव
जानकारी के अनुसार केवल सुनीता ही नहीं बल्कि जिले भर में सैंकड़ों ऐसी फैमिली आईडी है, जिसमें गलतियों की वजह से लोगों को परेशानी हो रही हैं। हालांकि बाकि गलतियों को किसी ना किसी तरह से तो सुधारा जा सकता है, लेकिन फिलहाल की स्थिति में पेशे (ऑक्यूपेशन) में जो भी गलती है, वो ठीक नहीं हो रही। बताया गया है कि प्रोफेशन में बदलाव के लिये डेढ़ से दो माह तक पोर्टल खुल सकता है, उस से पहले किसी तरह का बदलाव संभव नहीं है।
फैमिली आईडी में ऑक्यूपेशन में बदलाव नहीं हो पा रहा है। इन त्रुटियों को दूर करने के लिये जल्द ही पोर्टल खुल सकता है। इसके लिये सभी आपत्तियां ली जा रही हैं। शांतनु शर्मा, एडीसी, सोनीपत
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