घरेलू उपचार में समय न गवाएं : बच्चों में निमोनिया के लक्षण नजर आते ही तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे

घरेलू उपचार में समय न गवाएं : बच्चों में निमोनिया के लक्षण नजर आते ही तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे
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निमोनिया के लक्षणों में खांसी और जुकाम का बढऩा, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना तथा तेज बुखार आना शामिल है।

रोहतक के उपायुक्त यशपाल ने नागरिकों का आह्नान किया है कि वे बच्चों को निमोनिया बीमारी से बचाये तथा निमोनिया के लक्षण नजर आते ही तुरंत इलाज करवाये। निमोनिया 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। निमोनिया के लक्षणों की तुरंत पहचान करके बच्चे का स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाये। घरेलु उपचार में समय न गवाये। निमोनिया एक गंभीर बीमारी है। इससे बच्चों को बचाने के लिए अभिभावक सतर्क रहें।

उपायुक्त यशपाल ने बताया कि निमोनिया के लक्षणों में खांसी और जुकाम का बढऩा, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना तथा तेज बुखार आना शामिल है। अभिभावक बच्चों में ऐसे लक्षण नजर आते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लेकर जाये।

उन्होंने बताया कि जिला को अनीमिया मुक्त बनाने के लिए प्रतिदिन आयरन युक्त भोजन का सेवन करें। नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर अपने खून में हीमोग्लोबिन (एचबी) की मुफ्त जांच करवाएं।

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