हरियाणा सरकार का अहम फैसला : अगस्त माह तक प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या का टीकाकरण का लक्ष्य

हरियाणा सरकार का अहम फैसला : अगस्त माह तक प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या का टीकाकरण का लक्ष्य
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हरियाणा वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा है राज्य सरकार ने 66 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया हुआ है जिसमें से 40 लाख कोविशील्ड और 26 लाख कोवैक्सीन कंपनी की वैक्सीन हरियाणा को मिलेंगी। वहीं दूसरी ओर स्पूतनिक के लिए भी राज्य सरकार लगातार अप्रोच कर रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ग्लोबल टेंडर भी देने की सोच रही है।

Haribhoomi News : हरियाणा वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 संक्रमण को कम करने के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम को चलाया है। इसी के तहत 45 साल से ऊपर के लोगों को भारत सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं में निशुल्क वैक्सीनेट किया जा रहा है जबकि 18 से 44 साल की जनता का राज्य सरकार द्वारा निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह चाहती है कि आने वाले अगस्त माह तक प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या को टीका लगवा दिया जाए और उन्हें उम्मीद है कि हम इस लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त कर लेंगे।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार 18 साल से नीचे 15 साल तक के बच्चों को भी वैक्सीनेट करने के बारे में सोच रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 66 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया हुआ है जिसमें से 40 लाख कोविशील्ड और 26 लाख कोवैक्सीन कंपनी की वैक्सीन हरियाणा को मिलेंगी। वहीं दूसरी ओर स्पूतनिक के लिए भी राज्य सरकार लगातार अप्रोच कर रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ग्लोबल टेंडर भी देने की सोच रही है।

कौशल ने कहा कि हरियाणा का ज्यादातर हिस्सा एनसीआर क्षेत्र में आता है और हमारे लोगों की आवाजाही दिल्ली में ज्यादा रहती है इस वजह से भी हरियाणा में संक्रमण का दर अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण का प्रकोप दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा हरियाणा में गुड़गांव और फरीदाबाद के जिलों में रहा है इसलिए पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार लोकडॉन न लगाकर "महामारी अलर्ट- सुरक्षित हरियाणा" के नाम से कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं ताकि आर्थिक व्यवस्था को ज्यादा नुकसान ना पहुंचे और श्रमिकों पर भी दुष्प्रभाव ना पड़े। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पब्लिक सेफ्टी के तहत आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहे। उन्होंने बताया कि पाबंदी की वजह से अब तक आबकारी विभाग को 65.52 करोड रुपए का राजस्व घाटा हुआ है जबकि राज्य में डीजल की 19% कम खपत हुई है तो वही पेट्रोल की 30% कम खपत हुई है। इसी प्रकार, जहां तक तहसीलों में सेल डीड की बात है तो वह पिछले दिनों कम हुई थी लेकिन अब दोबारा से तहसीलों को खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने पिछली कोविड-19 लहर के अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार कैलिब्रेटेड निर्णय लिए हैं।

उन्होंने बताया कि "महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा" की अवधि अब 24 मई तक बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण की दर 9 मई को 26.58 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 15.76 प्रतिशत रह गयी है अर्थात हमारा जो पॉजिटिविटी रेट अब 11 प्रतिशत तक नीचे आया है। इसी प्रकार, रिकवरी रेट जो 80.11% था वह अब 85.04% हो गया है। लेकिन अभी हमारी मृत्यु दर में सुधार नहीं हुआ है यह मृत्यु दर 144 से लेकर 165 व्यक्ति प्रतिदिन रह रही है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में संक्रमण की दर भी कम होगी और मृत्यु दर में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि संक्रमण दर यदि 10% या उससे ऊपर रहती है तो यह खतरे की घंटी माना जाता है। इसी प्रकार बेड और आईसीयू बेड में यदि 60% तक ऑक्युपेंसी होती है तो उसे भी खतरे की घंटी माना जाता है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 वायरस का जो नया वैरीअंट आया है वह ज्यादा तेजी से संक्रमित करता है और हमारी यह चिंता है कि हरियाणा के गांव और शहर की दूरी ज्यादा नहीं है और हरियाणा के ग्रामीण शहरों में आते जाते रहते हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि गांव के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित ना हो, उन्हें अच्छा उपचार मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पूरे हरियाणा के गावों का डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा।

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