हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिए अहम निर्णय, Civil Service नियम 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिए अहम निर्णय, Civil Service नियम 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को दी मंजूरी
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हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कई नियमों में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

Chandigarh : मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (वेतन) नियम 2016, हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2016 और हरियाणा सिविल सेवा (Haryana Civil Service) (सुनिश्चित करियर प्रगति) नियम 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इन नियमों को हरियाणा सिविल सेवा (वेतन) संशोधन नियम, 2023 कहा जा सकता है। हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) द्वितीय संशोधन नियम 2023 तथा हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित करियर प्रगति) संशोधित नियम 2023 को अब 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना जाएगा।

हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित कैरियर प्रगति) नियम, 2016 के नियम 16 (1) के दूसरे प्रावधान को मूल नियमों में शामिल किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य सरकार के कर्मचारी को पहली सुनिश्चित कैरियर प्रगति के अनुदान की तिथि से (एक जनवरी 2016 और एसीपी नियमों की अधिसूचना की तारीख यानी 28.10.2016 के बीच या 1 जुलाई 2016 से संशोधित वेतन संरचना में स्विच करने का विकल्प प्रदान नहीं करना था। यह प्रावधान कर्मचारियों के लिए लाभकारी नहीं था। इस विकृति को दूर करने के लिए संबंधित कर्मचारियों को होने वाली अनुचित कठिनाई को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित कैरियर प्रगति) नियम, 2016 के नियम 16 (1) के तहत स्पष्टीकरण-3 को हटाने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, राज्य सरकार ने एचसीएस (एसीपी) नियम, 2023 से जुड़ी अनुसूची-आईए में परिभाषित संशोधित कार्यात्मक वेतन स्तर के अनुरूप सुनिश्चित कैरियर प्रगति की अनुमति देने का निर्णय लिया है।

पेंशन वितरण प्राधिकारी शब्द को पेंशन स्वीकृति प्राधिकारी के रूप में किया संशोधित

हरियाणा सरकार ने परिवार पेंशन की स्वीकृति हेतु हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 के नियम 54 में पेंशन वितरण प्राधिकारी शब्द को पेंशन स्वीकृति प्राधिकारी के रूप में संशोधित किया है। नियम 54 के अनुसार पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर परिवार के अगले पात्र सदस्य को परिवार पेंशन के संबंध में यह कहा गया है कि पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में उसकी विधवा/विधुर को पारिवारिक पेंशन उसी पेंशन भुगतान आदेश के तहत दी जाएगी जिसके तहत पेंशनर अपनी पेंशन प्राप्त कर रहा था। पेंशन संवितरण प्राधिकारी पेंशनभोगी का मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के साथ-साथ पारिवारिक पेंशन प्रदान करने के लिए सामान्य आवेदन पर विधवा/विधुर को पारिवारिक पेंशन का भुगतान आरंभ करेगा। यदि विधवा/विधुर जीवित या पात्र नहीं है, तो परिवार पेंशन अन्य पात्र परिवार के सदस्यों को देय होगी, जो पेंशनभोगी के पेंशन भुगतान आदेश की दो प्रतियों के साथ आवश्यक स्व-फोटो और अन्य आवश्यक दस्तावेज संबंधित पेंशन स्वीकृति प्राधिकारी को आवेदन करेगा।

हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) और हरियाणा उच्च न्यायिक सेवा संशोधित वेतन नियम 2023 में संशोधन के संबंध में स्वीकृति दी

चण्डीगढ़, 9 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) और हरियाणा उच्च न्यायिक सेवा संशोधित वेतन नियम 2023 में संशोधन के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई। न्यायिक अधिकारियों का वर्गीकरण सिविल जज (जूनियर डिवीजन) (प्रवेश स्तर) J1, सिविल जज (जूनियर डिविजन) एसीपी-I J2, सिविल जज (जूनियर डिविजन) एसीपी-II जे3, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) (प्रवेश स्तर) J3, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एसीपी-I J4, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एसीपी-II J5, जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) J5, जिला न्यायाधीश (प्रवरण ग्रेड) J6 तथा जिला न्यायाधीश (सुपर टाइम स्केल) J7 स्तरों पर क्षैतिज सीमा में परिलक्षित कार्यात्मक पदानुक्रम में उनकी स्थिति पर आधारित रहेगा। J-6 और J-7 को छोड़कर प्रत्येक रैंक के अधिकारी के लिए प्रारंभिक वेतन प्रत्येक रैंक के मौजूदा प्रवेश वेतन का लगभग 2.81 गुना है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान वृद्धि के अनुपात में है। इसी प्रकार J-1 से J-7 तक स्तर पर नए भर्ती/नियुक्तियों के लिए प्रवेश वेतन दर्शाती है। वेतन वृद्धि की तिथि तथा मौजूदा प्रणाली में कोई बदलाव नहीं होगा यानी वेतन वृद्धि वर्ष में एक बार नियुक्ति या पदोन्नति या वित्तीय उन्नयन की तिथि के अनुसार होगी। नए पे मैट्रिक्स में सभी रैंकों / ग्रेड के न्यायिक अधिकारियों का वेतन 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगा।

फॉरेस्ट गार्ड्स की सेवा में प्रवेश के लिए योग्यता मानदंड बढ़ाने की मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य वन कार्यकारी अनुभाग (ग्रुप सी) सेवा नियम, 1998 में संशोधन के संबंध में फॉरेस्ट गार्ड्स की सेवा में प्रवेश के लिए योग्यता मानदंड बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की गई। वन रक्षकों की भर्ती के लिए अब तक न्यूनतम शैक्षिक योग्यता मैट्रिकुलेशन थी लेकिन इसे अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सामान्य प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10+2/उच्च मानक (मैट्रिक में हिंदी या संस्कृत एक विषय के रूप में; या उच्च मानक में हिंदी एक विषय के रूप में) किया है। कैबिनेट ने फॉरेस्ट गार्ड्स की भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता को मैट्रिक से 10+2 तक हिंदी या संस्कृत के साथ मैट्रिक में एक विषय के रूप में या हिंदी को उच्च मानक में एक विषय के रूप में बढ़ाने के लिए संशोधन को मंजूरी दी।

हरियाणा खान एवं भू विज्ञान विभाग फील्ड (ग्रुप सी) सेवा नियम, 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति

बैठक में हरियाणा खान एवं भू विज्ञान विभाग फील्ड (ग्रुप सी) सेवा नियम, 1998 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने माइनिंग गार्ड के कुल 117 नियमित पदों में से एफपीएल-2 में माइनिंग गार्ड के 22 पदों को सीनियर माइनिंग गार्ड के पदों को अपग्रेड करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी इस संशोधन के साथ कि सीनियर माइनिंग गार्ड के पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं होगी।

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