किसानों के लिए जरूरी खबर : एसीएस बोले, 17 फीसद से कम हो नमी और साथ ही भुगतान की राशि अब किसानों के हाथ, पढ़े क्या-क्या

चंडीगढ़। हरियाणा में एक अक्टूबर से होने वाली फसल खरीद को लेकर अभी से मंडियों में तैयारी पूर्ण कर ली गई है। राज्य के किसानों (Farmers) से जहां नमी का खास ध्यान रखते हुए मंडी में फसल लाने के लिए कहा गया है ताकि खरीद में किसी भी तरह की देरी नहीं हो, इसीलिए नमी हर सूरत में 17 फीसदी से कम होनी चाहिए।
इतना ही नहीं राज्य के आला अफसरों ने साफ कर दिया है कि भुगतान किसानों की सहमति के हिसाब से होगा, अगर वे आढ़ती के माध्यम से भुगतान चाहते हैं, तो उसी तरह से दिया जाएगा। वर्ना सीधे किसानों के खातों में समय से पैसा पहुंचाने के लिए होमवर्क पूर्ण कर लिया गया है।
हरियाणा में 25 सितंबर के खरीद की तैयारी कर रहे राज्य के आला अफसरों ने अब साफ कर दिया है कि एक अक्टूबर से ही खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो पाएगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास (ACS PK Das) ने मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी साथ ही कहा कि सरकार ने किसानों को मंडी में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी तैयारी कर ली है।
आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास इस संबंध में सीएम और राज्य के डिप्टी सीएम के साथ में कईं बैठकों मे तैयारी संबंधी बिंदुओं पर चर्चा कर चुके हैं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि खरीफ के सीजन में धान, बाजरा, मूंग और मक्के की खरीद की जाएगी। प्रदेश में धान के लिए 200 खरीद केंद्र, बाजरे के लिए 100 खरीद केंद्र, मूंग के लिए 25 खरीद केंद्र और मक्के के लिए 20 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि धान खरीद के केंद्रों में भी बढ़ोतरी भी हो सकती है जो राइस मिलर खरीद केंद्र बनवाना चाहेंगे, सरकार वहां पर भी खरीद केंद्र बनाने को तैयार है। बाहरी राज्यों से हरियाणा में बाजरा बिक्री के सवाल पर दास ने कहा कि सरकार हरियाणा के किसानों का किसी भी तरह से नुकसान नहीं होने देगी। मंडी में केवल उसी बाजरे की खरीद की जाएगी जिसका जानकारी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज है।
धान की खरीद भी 1 अक्टूबर से ही शुरू होने की उम्मीद है। दास ने बताया इस बार सरकार किसानों को उनकी उपज का भाव देने से पहले किसानों की रजामंदी भी जानेगी। किसान अपनी फसल का भुगतान सीधा खाते में चाहते हैं तो वह सीधा दिया जाएगा अगर कुछ किसान आढ़ती के माध्यम से भुगतान लेना चाहते हैं तो वह आढ़ती के खाते में जमा करवा दिया जाएगा।
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