जरूरी खबर : 18 साल से कम उम्र के आईटीआई विद्यार्थी भी कंपनी में जाकर कर सकेंगे प्रेक्टिकल

जरूरी खबर : 18 साल से कम उम्र के आईटीआई विद्यार्थी भी कंपनी में जाकर कर सकेंगे प्रेक्टिकल
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बहादुरगढ़ आईटीआई और मिंडा कंपनी (Minda Company) से टाइअप है। यहां की आईटीआई में फिलहाल फिटर की 40 सीट, इलेक्ट्रोनिक्स मकेनिक की 24 तो पीपीओ की 40 सीट हैं।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़। आईटीआई की दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों (students) के लिए बेहद अच्छी खबर है। आईटीआई ने डीएसटी के तहत दाखिले लेने के उम्र में बदलाव किया है। अब 18 साल से कम यानी 14 साल से ऊपर आयु के विद्यार्थी भी डीएसटी के जरिये कोर्स कर सकते हैं। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

दरअसल, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से पिछले साल इस प्रणाली को लागू किया गया था। यह आईटीआई के माध्यम से दी जाने वाली सैद्धांतिकट्रेनिंग और उद्योग के माध्यम से दिए जाने वाले व्यावहारिक प्रशिक्षण का मिला-जुला रूप है। यानी थ्योरी आईटीआई में होगी और प्रेक्टिल कंपनी में होगा। फिटर, इलेक्ट्रोनिक्स मकेनिकल और पीपीओ आदि कोर्स इसके दायरे में आते हैं।

बहादुरगढ़ आईटीआई और मिंडा कंपनी से टाइअप है। यहां की आईटीआई (ITI) में फिलहाल फिटर की 40 सीट, इलेक्ट्रोनिक्स मकेनिक की 24 तो पीपीओ की 40 सीट हैं। नए सत्र में एमओयू के तहत एचएनजी में फिटर के दो तो इलेक्ट्रोनिक्स मकेनिकल का एक बैच रहेगा। जबकि पीपीओ के बैच मिंडा कंपनी में चलेंगे।

पहले 18 या उससे अधिक उम्र के विद्यार्थी ही डीएसटी के तहत कोर्स कर सकते थे। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब 14 या इससे ज्यादा उम्र के विद्यार्थी भी दोहरी शिक्षा प्रणाली के तहत पढ़ाई कर सकते हैं। आईटीआई स्टाफ की मानें तो कम उम्र मंे ही विद्यार्थी बहुत कुछ सीख जाएंगे।

ऐसे में युवा होते-होते इन्हें काफी अनुभव हो जाएगा और जल्द ही रोजगार मिल सकेगा। डीएसटी बेहद लाभकारी है। डीएसटी के तहत विद्यार्थी कंपनी मंे प्रशिक्षण के दौरान बारीकियां सीखते हैं। सुरक्षा और काम करने की समझ बढ़ती है। आमतौर पर यही कंपनियां ही प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को रोजगार दे देती हैं, क्योंकि ये विद्यार्थी काम समझ चुके होते हैं और कंपनी अधिकारियों की नजर में रहते हैं।




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