किसान को परेशान करने पर तीन बिजली अधिकारियों को एक-एक साल की कैद और जुर्माना, जानें पूरा मामला

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच (कंज्यूमर फोरम) ने सत्यनारायण बनाम दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरा निगम नारनौल केस में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते न केवल किसानों को समाज की रीढ़ की हड्डी बताते हुए त्वरित टिप्पणी दी है, बल्कि निगम के तीन अधिकारियों को दोषी मानते हुए उन्हें एक-एक साल की जेल एवं दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। इन अधिकारियों में बिजली निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर हिसार, कार्यकारी अभियंता नारनौल तथा एसडीओ नांगल चौधरी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक तहसील नांगल चौधरी के गांव बामणवास खेता निवासी करीब 85 वर्षीय वृद्ध सत्यनारायण शर्मा ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच में शिकायत दी थी कि निगम ने बिजली बिल नहीं भरने पर वर्ष 2011 में उसके ट्यूबवेल कनेक्शन काट दिया था। कनेक्शन काटने उपरांत उन्होंने गत 20 अक्टूबर 2014 को यह बिल अदा कर दिया, जो करीब 14 हजार 398 रुपये था, का भुगतान कर दिया। यह बिल अदा के बाद वह दोबारा कनेक्शन जोड़ने के लिए निगम अधिकारियों से मिला, लेकिन अधिकारियों ने उसे 33 हजार 450 रुपये और भरने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने यह राशि भी 18 मार्च 2016 को जमा करवा दी तथा सभी आवश्यक कागजात भी पूरे कर दिए।
लेकिन इसके बावजूद कनेक्शन चालू करने के लिए जब वह अधिकारियों से पुन: मिला तो उन्होंने उसकी तरफ एक लाख 56 हजार 871 रुपये और निकाल दिए। जिस पर पीडि़त किसान ने पांच जून 2016 तक शिकायतकर्ता ने दो लाख 26 हजार रुपये भर दिए, लेकिन किसान मारा-मारा फिरता रहा और उसक कनेक्शन चालू नहीं होने से परेशान हो गया। इस पर न्याय की उम्मीद में पीडि़त किसान ने वकील एनएन यादव की मदद से एक शिकायत कंपलेंट अंडर सेक्सन 12 कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच में दायर की।
फैसले की पालना नहीं की, तीनों अधिकारी सजा के हकदार
इस पर मंच के चेयरमैन मंजीत नरवाल ने चार अक्टूबर 2019 को किसान के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए आदेश दिए कि निगम उपभोक्ता को उसके द्वारा जमा करवाए गए दो लाख 26 हजार रुपये नौ फीसदी ब्याज दर सहित वापस लौटाए, लेकिन इन आदेशों की निगम अधिकारियों ने पालना नहीं की। अब 25 जून को दिए गए फैसले में कंज्यूमर फोरम ने आदेश दिए हैं कि बिजली निगम के अधिकारियों ने मंच के एक अक्टूबर 2019 व राज्य उपभोक्ता मंच के 10 दिसंबर 2019 के फैसले की पालना नहीं की। इस कारण उक्त तीनों अधिकारी सजा के हकदार हैं। जिसके चलते बिजली निगम हिसार के प्रबंध निदेशक बलकारा सिंह, कार्यकारी अभियंता अविनाश यादव नारनौल व नांगल चौधरी के एसडीओ कुलबीर सिंह सहारन को मंच के आदेशों की पालना नहीं करने पर एक-एक साल की कैद व दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
चेयरमैन की त्वरित टिप्पणी...किसान समाज की रीड, अधिकारियों ने किया परेशान
साथ ही मंच के चेयरमैन मंजीत नरवाल ने इस मामले में त्वरित टिप्पणी की है कि निगम अधिकारियों के व्यवहार की वजह से एक गरीब किसान को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। किसान समाज की रीढ़ ही हड्डी होते हैं। यदि किसानों को इसी तरह परेशान किया जाता रहा तो इस देश को बर्बाद होने से नहीं बचाया जा सकता है। उन्होंने माना है कि उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 1986 के सेक्शन 27 के तहत यह सभी अधिकारी सजा के हकदार हैं। साथ ही उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS