Russia-Ukraine war : यूक्रेन पर रूस के वार से हरियाणा के टेक्सटाइल उद्योग पर पड़ी मार, होगा इतने कराेड़ का नुकसान

विकास चौधरी : पानीपत
रूस का यूक्रेन पर हमला जारी है, वहीं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग सहमा हुआ है। अगर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लंबे समय चल गया तो पानीपत टेक्सटाइल उद्योग पर भीषण आर्थिक दुष्प्रभाव पड़ेगा। यूरोप महाद्वीप के देशों में टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात बाधित हो सकता है। जबकि पूर्व में किए जा चुके टेक्सटाइल उत्पादों के एक्सपोर्ट कर भुगतान प्रभावित हो सकता है। वहीं युरोप के देशों से मिले टेक्सटाइल उत्पादों के आर्डर निलंबित या फिर रद्द हो सकते हैं।
पानीपत से 15 हजार करोड़ का निर्यात होता है
स्मरणीय है कि पानीपत में दुनिया का सबसे बड़ा टेक्सटाइल हब है। पानीपत से दुनिया के अधिकतर देशों में टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात किया जाता है। वहीं पानीपत में टेक्सटाइल के 40 हजार करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है। पानीपत से विश्व के अधिकतर देशों को करीब 15000 करोड़ रुपये कीमत के टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात किया जाता है। जबकि टेक्सटाइल उद्योग का घरेलू बाजार 25 हजार करोड़ रुपये का है। पानीपत के टेक्सटाइल उद्योग में विभिन्न प्रदेशों के सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर रोजगार कर रहे है। जबकि भारत व दुनिया भर के देशों में करीब चार करोड़ लोग पानीपत के टेक्सटाइल उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
पॉलिस्टर धागे, केमिकल, कलर के दाम बढे
यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध से इंटरनेशनल मार्किट में कच्चे तेल के दाम बढ गए हैं। इसके चलते पॉलिस्टर धागे की कीमत में 10 रूपये किलोग्राम की वृद्धि हो गई है। वहीं पानीपत में प्रतिदिन करीब 1000 टन पॉलिस्टर धागे का प्रयोग होता है। पॉलिस्टर धागे का टेक्सटाइल के अधिकातर उत्पादों में प्रयोग होता है। जबकि कच्चे तेल की कीमत बढने से टेक्सटाइल उद्योग में प्रयोग होने वाले केमिकल, कलर आदि के रेट भी बढ़ गए हैं। पॉलिस्टर यार्न व केमिकल, कलर आदि के रेट बढने से टेक्सटाइल उत्पादों की लागत में भी वृद्धि हो रही है।
अशांति में ठप हो जाते हैं उद्योग : धमीजा
इंडिया एक्सपोर्ट काउंसिल के सदस्य विनोद धमीजा ने बताया कि यूक्रेन व रूस के बीच चल रहा युद्ध जहां मानवता के विरूद्ध है, वहीं पानीपत के टेक्सटाइल कारोबार समेत सभी कामधंधों के लिए भी घातक है। अगर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लंबे समय चल गया तो पानीपत टेक्सटाइल उद्योग पर भीषण आर्थिक दुष्प्रभाव पड़ेगा। युद्ध के कारण रूस व युक्रेन और आसपास के यूरोप महाद्वीप के देशों में पानीपत से टेक्सटाइल उत्पादों का एक्सपोर्ट रूक जाएगा। ऐसे हालात में पूर्व में किए जा चुके टेक्सटाइल उत्पादों के एक्सपोर्ट कर भुगतान प्रभावित हो सकता है। वहीं यूरोप के देशों से मिले टेक्सटाइल उत्पादों के आर्डर निलंबित या फिर रद्द हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो पानीपत टेक्सटाइल उद्योग को भीषण नुकसान होगा।
जितने रेट बढेंगे उतना ही नुकसान होगा : राणा
फैडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन, पानीपत के चेयरमैन भीम राणा ने बताया कि विदेशी टेक्सटाइल उद्यमी, पानीपत के एक्सपोर्टरों को टेक्सटाइल उत्पादों का आर्डर बहुत ही ठोकबजा कर यानि कडी प्रतिस्पर्धा कर रेट तक कर देते है। वहीं यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध के कारण पॉलिस्टर धागे, कमेकिल, कलर आदि के रेट बढ गए, इससे टेक्सटाइल उत्पादों की लागत बढ गई, भविष्य में यदि फिर रेट बढे तो एक्सपोर्टरों को नुकसान होगा और इसका दुष्प्रभाव पूरी टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS