हिसार कोर्ट का फैसला : ऑनर किलिंग में मृतक के नाबालिग साले को उम्रकैद की सजा, जानें पूरा मामला

हिसार। ऑनर किलिंग ( Honor Kiling ) के मामले में अदालत ने मृतक के दोषी नाबालिग साले को उम्रकैद ( life Imprisonment ) की सजा सुनाई है। दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्मान भी लगाया गया है। बता दें कि अदालत ने नाबालिग साले को सोमवार को दोषी करार दिया था।
अदालत में चले अभियोग के अनुसार बरवाला पुलिस ने 30 मई 2020 को चिड़ोद के राजेंद्र की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका बेटे नरेंद्र बाइक मैकेनिक था। नरेंद्र ने 20 अप्रैल 2018 को उनके गांव की लड़की से लव मैरिज की थी। इस कारण दोनों के परिवारों में काफी तनाव था। इस मामले को देखते गांव में पंचायत हुई थी। पंचायत में फैसला लिया गया था कि नरेंद्र व उसके साथ लव मैरिज करने वाली लड़की गांव में नहीं रहेंगे। पंचायत के निर्णय को देखते उसका बेटा बरवाला में रहा रहा था। लड़की का पिता तथा उनका परिवार उनसे रंजिश रखने लगा। लड़की का भाई, उसका ताऊ का लड़का व अन्य दो बाइक पर सवार होकर राजली आए।
शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने वहां नरेन्द्र की हत्या की साजिश रची और फिर लड़की का भाई व दो अन्य दो बाइक पर नरेंद्र की दुकान पर पहुंचे। उन्होंने एक बाइक को रिपेयर करने के लिए बोला। लड़की का भाई दुकान के ऊपर जाकर अपनी बहन को तीन कप चाय बोलकर आया। लड़की चाय देकर वापस ऊपर छज्जे के पास पहुंची। नरेंद्र बाइक ठीक कर रहा था। तभी लड़की का भाइ नरेन्द्र को सिर में गोली मारकर दूसरी बाइक पर कुछ दूर खड़े दो अन्य के साथ बैठकर फरार हो गया। पुलिस ने इस मामले में आरोतिपों पर हत्या, आपराधिक साजिश रचने और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दज किया था। अदालत में चले अभियोग के दौरान सोमवार को मामले से जुड़े तीन लोगों में से दो को बरी कर दिया गया, जबकि नरेंद्र के नाबालिग साले को दोषी करार दिया गया। अदालत ने दोषी साले को बुधवार को उम्रकैद व 20 हजार रुपये के जुमार्ने की सजा सुनाई।
दहेज हत्या में दोषी पति को 10 साल कैद
हिसार। दहेज हत्या के मामले में अदालत ने दोषी करार पति अनूप निवासी मंगाली को 10 कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि अनूप को 9 दिसंबर को दोषी करार दिया गया था। अदालत में चले के अनुसार पुलिस ने फतेहाबाद जिले के गांव नाढोड़ी निवासी देवीलाल की शिकायत पर 31 जुलाई 2020 को अनूप तथा अन्य के खिलाफ दहेज हत्या के आरोप में केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि उसके भाई कृष्णलाल व भाभी संतोष की मौत हो चुकी है। उनके तीन बच्चे थे। दो लड़की व एक लड़का। तीनों बच्चों को मैं पालन-पोषण करता था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने 31 मार्च 2019 को भतीजी प्रियंका की शादी गांव मंगाली आकलान के अनूप के साथ की थी। ससुरालपक्ष के शादी के कुछ दिन बाद ही भतीजी को दहेज की मांग को लेकर प्रताडि़त करने लगे।
कई बार पंचायत हुई और ससुरालपक्ष को प्रियंका को तंग न करने के लिए समझाया भी गया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने भतीजी को दहेज में सारा सामान व कार दी थी, लेकिन ससुराल जन बड़ी गाड़ी की डिमांड करते थे। भतीजी 10 दिन पहले मेरे घर आई थी। उसने बताया था कि पति अनूप और अन्य ससुरालजन कह रहे थे कि बड़ी गाड़ी के लिए 10 लाख रुपये लेकर आना। इस पर मैं तीन दिन बाद भतीजी को समझाकर मंगाली छोड़ गया था। मेरे पास अनूप का फोन आया। जब मैं घर पहुंचा तो प्रियंका मृत अवस्था में पड़ी थी। मुझे शक है कि ससुराल पक्ष ने जहर पिलाकर उसे मार डाला। अदालत ने अभियोग के दौरान 9 दिसंबर को अनूप को दहेज हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए बुधवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई।
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