बागवानी में दादरी के किसानों को विभागीय योजनाओं का मिला सबसेे अधिक लाभ, प्रदेश में पाया पहला स्थान

हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी
दादरी बागवानी विभाग ने प्रदेश में सबसे अधिक जिले के अस्सी प्रतिशत किसानों को विभागीय योजनाओं से लाभांवित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जिला बागवानी अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दादरी को इस साल एक हजार किसानों का लक्ष्य दिया गया है।
विभाग अब तक आठ सौ किसानों को बागवानी योजनाओं जैसे औषधियों, फलों व सब्जियों की किस्मों का पौधारोपण, खेत में सिंचाई के लिए सामुदायिक व व्यक्तिगत टैंक का निर्माण आदि लाभ दे चुका है। किसी भी जिला ने इतनी तेजी से किसानों को बागवानी की स्कीमों का लाभ नहीं दिया है। इसी प्रकार दादरी को बागवानी स्कीमों के लिए वर्ष 2020-2021 के लिए तीन करोड़ 29 लाख पचास हजार रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से एक करोड़ 83 लाख 12 हजार रुपये किसानों के बैंक खातों में भेज दिए हैं। लाभपात्रों को आवंटित रकम की 70.6 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। राशि आवंटन के लिए दादरी को राज्य का तीसरा सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया है। इसमें अंबाला को प्रथम व जींद को दूसरा स्थान मिला है।
प्रगतिशील किसानों का रहा अहम योगदान
डा. राजेश कुमार ने बताया कि इन उपलब्धियों के लिए बागवानी विकास विभाग के प्रबंध निदेशक डॉ. बीएस सहरावत ने दादरी बागवानी कार्यालय को पुरस्कृत किया है। इसमें विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ-साथ जिला के प्रगतिशील किसानों का भी अहम योगदान रहा है। जिन्होंने बागवानी स्कीमों के प्रति रूचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हुई हैं। विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 20 हार्स पावर के चार छोटे ट्रैक्टर अनुदान पर देने हैं। अनुसूचित वर्ग की महिला किसान को इस ट्रैक्टर पर 35 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के किसान को 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।
जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर की कीमत करीब तीन लाख रपये है और इसमें हैरो, हाईड्रो ट्राली आदि उपकरणों को जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा में पंजीकृत हुए किसानों को फल एवं सब्जियों की 19 किस्मों भाव-भावांतर योजना का लाभ दिया जाएगा। टमाटर, प्याज, बैंगन, अमरूद, शिमला मिर्च, फूलगोभी, आलू आदि का इस पोर्टल पर पंजीकरण किया जा रहा है। भाव-भावांतर योजना में किसानों की आय को सुनिश्चत करते हुए खेती को जोखिम मुक्त बनाया गया है।
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