बहादुरगढ़ : बच्चा पाने की चाह में फर्जी अभिभावक बनकर थाने पहुंचे

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
रेलवे के प्लेटफार्म पर लावारिस हालत में मिले सात माह के बच्चे के असल माता-पिता (Mother- Father) का तो फिलहाल पता नहीं चल पाया है, लेकिन उसकी चाह में फर्जी माता-पिता बनकर कुछ लोग जीआरपी थाने में पहुंच गए। वे बच्चे के संबंध में कोई पुख्ता सुबूत नहीं दिखा सके। झूठ सामने आने पर पुलिस ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई।
दरअसल, गत 28 जुलाई की सुबह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म परिसर में लावारिस हालत में सात माह का मासूम देखा गया। वहां से गुजर रही लाइनपार की कुछ महिलाओं की नजर उस पर गई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बच्चे के परिजनों की काफी तलाश की। आसापास की कॉलोनियों में सर्च अभियान चलाया। तमाम चौकी-थानों में सूचना देने के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी सहारा लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसी बीच एक प्रवासी दंपति ने पुलिस से संपर्क किया और उस बच्चे को अपना बताया। पुलिस ने उक्त दंपति को बुलाया और बच्चे के संबंध में पूछताछ की, लेकिन वे लोग खुद को बच्चे अभिभावक साबित नहीं कर पाए। उनके पास कोई भी ऐसा दस्तावेज नहीं मिला, जिससे पुष्टि हो सके। फर्जी अभिभावक बनकर आए इन लोगों को पुलिस ने कड़ी फटकार लगाई।
28 तारीख को जिस महिला ने बच्चे को प्लेटफार्म पर देखा था, उसने भी इस बच्चे के पोषण की इच्छा जताई थी। बताते हैं कि थाने में फर्जी अभिभावक भेजने के पीछे भी उसी महिला का हाथ बताया जा रहा है। असल पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही की जा सकती है। खैर जो भी हो, बच्चे को मिले 15 दिन हो गए हैं, लेकिन उसके असल अभिभावकों का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल तो ये भी स्पष्ट नहीं है कि बच्चा गुमशुदा है या अभिभावक उसे यहां छोड़ गया या फिर कोई अन्य शख्स इसे यहां छोड़ गया।
बाल भवन में देखभाल
असल अभिभावकों के सामने आने के बाद ही हकीकत सामने आ पाएगी। फिलहाल बच्चे की बाल भवन में देखरेख हो रही है। उधर, जीआरपी पुलिस की मानें तो इस मामले में पुलिस जी जान से जांच में जुटी है। बच्चे को परिजनों को तलाशा जा रहा है।
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