छोटे चुनावी रण में दांव पर बड़े घरानों की 'साख', सहारा देने को ताल ठोक रहे 'दिग्गज'

छोटे चुनावी रण में दांव पर बड़े घरानों की साख, सहारा देने को ताल ठोक रहे दिग्गज
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इस चुनाव में राजनीति के बड़े घरानों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। जिसमें पार्टी के साथ एक तरफ रामपुरा हाउस तो दूसरी तरफ कैप्टन परिवार खड़ा हुआ नजर आ रहा है। इसी को भांपते हुए अपनी राजनीति पगड़ी को बचाने के लिए खुद ताकत झोंकने के साथ बड़े घरानों ने दिग्गजों से चुनावी ताल ठुकवानी शुरू कर दी है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

भाजपा का उम्मीदवार घोषित करने से पहले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास के बीच नगर परिषद चेयरमैन चुनाव पर भले ही आरोप-प्रत्यारोप लगे हो, परंतु नामांकन वापसी के बाद चुनावी अखाड़े की तस्वीर साफ होते ही छोटे बताए जाने वाले इस चुनाव में राजनीति के बड़े घरानों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। जिसमें पार्टी के साथ एक तरफ रामपुरा हाउस तो दूसरी तरफ कैप्टन परिवार खड़ा हुआ नजर आ रहा है। इसी को भांपते हुए अपनी राजनीति पगड़ी को बचाने के लिए खुद ताकत झोंकने के साथ बड़े घरानों ने दिग्गजों से चुनावी ताल ठुकवानी शुरू कर दी है।

यही कारण है कि टिकट वितरण से पहले चेयरमैन पद के चुनाव को छोटा बताने के बावजूद शनिवार को शहर में कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष चुनाव परिक्रमा करती नजर आई। जबकि रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री आ रहे हैं इतना ही नहीं इसके ठीक दो दिन बाद यानी 22 दिसंबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी रेवाड़ी में चुनावी राग अलापते नजर आएंगे। इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेवाड़ी दौरा भी भाजपा की चुनावी नैया को पार लगाने में असफल साबित हुआ था।

रेवाड़ी में बीसी महिला के लिए आरक्षित चेयरमैन पद के लिए अपनी किश्मत आजमा रही 6 महिलाओं में तीन अलग-अलग पार्टियों से हैं। जिनमें से दो प्रमुख पार्टियों की उम्मीदवारों को विरोधियों के साथ अपनी ही पार्टी में भितरघात से दो-दो हाथ करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। लंबे समय तक शहर की सत्ता में रहे अपने पति के रसूख पर सवाल निर्दलीय महिला उम्मीदवार से भी दोनों प्रमुख पार्टियों की महिला उम्मीदवारों को धीरे-धीरे ही सही, परंतु जोर का झटका दिया जा रहा है। अब जिसकी आहट अब रेवाड़ी की सीमाएं लांघकर चंडीगढ़ तक राजनीतिक गलियारों में सुनाई देने लगी है। निर्दलीय की मजबूत होती आहट से चुनावी चेहरों के साथ उनके पीछे खड़े बड़े राजनीतिक घरानों के चेहरों पर भी चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी है।

धारूहेड़ा में 10 के बीच एक महिला

धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन पद पर जजपा उम्मीदवार सहित 10 चेहरे अपना भाग्य आजमा रहे हैं। 10 चेहरों के बीच चुनाव मैदान में उतरी एकमात्र महिला भले ही अभी जीत की स्थिति में नहीं दिख रही हो, परंतु चर्चा अवश्य बटोर रही है। खास बात यह है कि चुनावी दौड़ में शामिल 10 चेहरों में से दो तो स्थानीय राजनीति में सबसे अधिक समय तक सक्रिय रहे एक ही परिवार से हैं। चुनावी रण के मुकाबले में अपनों के साथ विरोधियों से घिरे गठबंधन उम्मीदवार को सहारा देने के लिए यहां भी रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री की पगफेरी होने का कार्यक्रम बना है।

पार्षद पद के 201 उम्मीदवारों में 96 महिलाएं

रेवाड़ी नगर परिषद व धारूहेड़ा नगर पालिका के लिए 201 उम्मीदवार पार्षद पद का चुनाव लड़ रहे हैं। जिनमें रेवाड़ी के 28 भाजपा उम्मीदवार भी शामिल है। पार्षद पद के चुनाव की दौड़ में शामिल 201 उम्मीदवारों में 96 महिलाएं भी शामिल हैं। रेवाड़ी के 31 वार्डों में चुनाव लड़ रहे 147 उम्मीदवारों में 73 तथा धारूहेड़ा के 17 वार्डों में चुनाव लड़ रहे 54 उम्मीदवारों में 23 महिला चुनावी ताल ठोक रही हैं। जिनमें बहुओं के अलावा बेटियां भी शामिल हैं।

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