फर्जी बिलिंग पर आयकर विभाग भी वसूलेगा पेनल्टी

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रक्रिया में की गई किसी भी तरह की धोखाधड़ी अब महंगी पड़ने जा रही है। इसे रोकने के लिए अब सिर्फ वाणिज्य कर या वस्तु एवं सेवाकर विभाग ही पेनल्टी नहीं लगाएगा। बल्कि अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर विभाग को भी ऐसे मामलों में शामिल रहे कारोबारियों को चिन्हित कर पेनल्टी लगाने और वसूलने के निर्देश दे दिए गए हैं।
दरअसल, कुछ व्यापारी व कारोबारी फर्जी इनवाइस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेते हैं। इस धोखाधड़ी में जिस कारोबारी ने अंतिम रूप से आईटीसी का लाभ अपने खातों में दिखाया होगा, आयकर विभाग उससे उस बिल में दिखाई गई कीमत के बराबर पेनाल्टी वसूलेगा। यह काम अब इसलिए भी आसान होगा क्योंकि आयकर विभाग और जीएसटी विभाग के अधिकारी आपस में एक-दूसरे के साथ जानकारी सांझा करते हैं, लेकिन अब कारोबारियों का जीएसटी थ्री-बी रिटर्न आयकर विभाग की वेबसाइट पर भी दिखाए देने लगा है। इसमें अप्रैल-2019 से अब तक के रिटर्न आयकर विभाग अधिकारियों को दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि जीएसटी में अनेक कारोबारियों ने सिर्फ फर्जी इनवाइस जारी कर आईटीसी लेने की मंशा से अपना जीएसटी पंजीयन कराया। काम भले फर्जी इनवाइस से फर्जी आईटीसी जुटाने का हो, लेकिन इसमें किसी न किसी कारोबारी के खाते में उसका पैसा अवश्य जाता है। आयकर विभाग के निशाने पर अब ऐसे ही कारोबारी और व्यापारी हैं, जो वास्तव में सिर्फ कागजों में आइटीसी के जरिए टैक्स समायोजन करा रहे हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 11 जनवरी को इस संबंध में आयकर विभाग को आदेश जारी किया है कि वह इस तरह के कारोबारियों को चिन्हित कर उन पर पेनल्टी लगाए।
सीए संजय अनेजा ने बताया कि आयकर विभाग ने पिछले वर्ष इस तरह के प्रावधान किए थे कि गलत अभिलेख, झूठी इनवाइस अपने खातों में दिखाने वालों पर कार्रवाई की जाए। जो लोग माल नहीं खरीदकर फर्जी बिल लेकर अपने खाते में चढ़ाते हैं और आईटीसी लेते रहते हैं, वह भी इस कार्रवाई की जद में आएंगे। अब सीबीडीटी ने आयकर अधिकारियों को फर्जी बिल की राशि के बराबर पेनल्टी लगाने के निर्देश दे दिए हैं।
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