PM Kisan Samman Nidhi Yojana : आयकरदाता और अपात्र किसान ले रहे थे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

PM Kisan Samman Nidhi Yojana : आयकरदाता और अपात्र किसान ले रहे थे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ
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ऐसे किसानों (Farmers) को सरकार ने जोर का ­झटका धीरे से दे दिया है। इस योजना में जिले के 1612 किसान ऐसे पाए गए हैं, जो आयकरदाता (Income tax payer) होने के बावजूद यह सम्मान निधि प्राप्त कर रहे थे। साथ ही 167 किसान ऐसे भी थे, जो इसके योग्य पात्र नहीं थे। ऐसे किसानों को सरकार ने नोटिस जारी कर दिए

राजकुमार : नारनौल

देश के खास की बजाए आम किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) जिले के आयकरदाता एवं अन्य अपात्र किसानों पर भारी पड़ी है। ऐसे किसानों को सरकार ने जोर का ­झटका धीरे से दे दिया है। इस योजना में जिले के 1612 किसान ऐसे पाए गए हैं, जो आयकरदाता होने के बावजूद यह सम्मान निधि प्राप्त कर रहे थे। साथ ही 167 किसान ऐसे भी थे, जो इसके योग्य पात्र नहीं थे। ऐसे किसानों को सरकार ने नोटिस जारी कर दिए, जिस पर इन लाभ लेने वाले अपात्र किसानों प्राप्त रकम सरकार के खाते में वापस जमा कराना ही गनीमत समझा है।

सरकार को अब तक कुल 17454000 रुपये की वसूली हो चुकी है और यह सिलसिला अब भी जारी है। उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक रूप से पिछड़े छोटे किसानों को आर्थिक रूप से सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत चार महीने में एकबार दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता देना तय किया गया था। इस प्रकार सरकार की ओर से एक साल में किसानों के खातों में सीधे छह हजार रुपये सालाना के हिसाब से दिए जाने शुरू किए गए। पहली किस्त के रूप में दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक के पीरियड को चुना गया था। प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना का शुभारंभ करते हुए 24 फरवरी 2019 को पहली किस्त जारी की गई थी। उस दिन हरियाणा के सीएम मनोहर लाल महेंद्रगढ़ के गांव खुडाना आए थे और वहां उन्होंने आईएमटी की आधारशिला रखते हुए इस राशि को प्रदेश के किसानों के लिए केंद्र सरकार का तोहफा बताया था।

अधिकांश अपात्रों ने रकम जमा करा दी

योजना के नोडल अफसर एवं क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी संजय यादव ने बताया कि सरकार ने जब योजना लागू की थी, तभी नियम व शर्तें तय कर दी थी, लेकिन अपात्र लोगों ने भी आवेदन कर दिए। अब इनकी पहचान होने पर जारी की रकम वसूली जा रही है। अधिकांश लोगों ने ये रकम जमा करा दी है। शेष को नोटिस जारी कर 15 दिन का समय दिया है, अन्यथा उनके विरुद्ध कानून कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने योजना का तय किया था दायरा

योजना का निर्माण करते वक्त केंद्र सरकार ने इसके दायरे से आयकरदाताओं, सरकारी नौकरी, वकीलों व सीएम आदि किसानों को बाहर रखा था। केवल आम यानि आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को ही इसमें शामिल किया था, जिनके खातों में दो-दो हजार की तीन किस्तों के रूप में कुल छह हजार रुपये सालाना डाले जाने लगे। लेकिन जिले में अनेक किसान थे, जो नौकरीपेशा होने या शर्तों को पूरा न करने के बावजूद छह हजार रुपये सालाना प्राप्त करने लगे।

आधारकार्ड व बैंक खाते अटैच करने पर पहचान

सरकार ने योजना को लागू करते हुए किसानों से आधार कार्ड एवं बैंक खातों को अटैच कराए थे। इनके जरिए किसानों को प्रत्येक माह या सालाना होने वाली आय की जानकारी लगती और इसी को सूचीबद्ध कर राज्य एवं जिलों को प्रेषित कर दी गई। सूची के आधार पर कृषि अधिकारियों ने लाभपात्रों से सीधे की बजाए सरपंचों के जरिए संपर्क किया व उनकी अर्जित आय के आंकड़ों को खंगालते हुए उन्हें नोटिस जारी करने शुरू किए।

महेंद्रगढ़ जिले की स्थिति: योजना के तहत जिले के 103535 किसान पंजीकृत हैं। जिनमें ब्लॉक अटेली के 13386, कनीना के 16531, महेंद्रगढ़ के 22173, नांगल चौधरी के 19340, नारनौल के 24077 व सतनाली ब्लॉक के 8028 किसान शामिल हैं। इनमें 1612 ऐसे किसान हैं, जो आयकरदाता हैं और 167 किसान ऐसे हैं, जो इसके पात्र नहीं हैं। कुल मिलाकर 1779 किसानों से अब तक करीब 1.75 करोड़ की वसूली हो चुकी है।

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