Farmers Protest : किसानों ने फिर किया भारत बंद का ऐलान, इस दिन रेल और सड़क दोनों मार्ग रोकेंगे

Farmers Protest : किसानों ने फिर किया भारत बंद का ऐलान, इस दिन रेल और सड़क दोनों मार्ग रोकेंगे
X
चार महीने पूरे होने पर आंदोलन का फैसला, आंदोलन को सफल करने के लिये 17 मार्च को फिर से बैठक। भारत बंद के लिए अन्य संगठनों से भी किया जाएगा संपर्क, किसान 28 मार्च को जलाएंगे तीनों कानूनों की होली।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान कर दिया है। इस दिन रेल व सड़क दोनों मार्ग जाम किए जाएंगे, तो देशभर में अपने हक के लिए किसान एकजुट होंगे। भारत बंद पूरी तरह से हो, इसे लेकर 17 मार्च को मोर्चा की बैठक बुलाई गई है। किसानों ने भारत बंद के लिए कर्मचारी, मजदूर, ट्रांसपोर्ट और व्यापारी संगठनों से भी बातचीत की है और बंद में शामिल होने का आहवान किया गया है, ताकि इस बार पूरे देश में बंद का असर दिखे।

यहां कुंडली बार्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैंसला लिया गया है। संयुक्त मोर्चा के सदस्य बूटा सिंह बुर्जगिल, कविता करुंगुटी, डा. आशीष मित्तल, वीरेंद्र सिंह हुड्डा, डा. सुनीलम, विकास सिरसा, राजिंदर दीप सिंहवाला, जसबीर सिंह आदि ने बताया कि पहले से ही मोर्चा ने 15 मार्च को ट्रेड यूनियन के साथ एंटी कारपोरेट और निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन और धरने का कार्यक्रम दे रखा है। इसमें डीजल और पेट्रोल व रसोई गैस के बढ़ती कीमतों को भी जोड़ा गया है।

यह आंदोलन हर जिले में रेलवे स्टेशन के बाहर होगा और इसके बाद संगठन ज्ञापन देंगे। किसान नेताओं ने कहा कि इस बार मोर्चा की बैठक में सबसे अहम निर्णय 26 मार्च को भारत बंद करने का लिया गया है। इस दिन चार महीने किसान आंदोलन को पूरे हो रहे हैं। किसानों ने तय किया है कि यह बंद सुबह से शाम तक किया जाएगा। इसमें सड़क व रेल मार्ग बंद करेंगे और परिवहन सेवा तथा बाजार बंद करने के लिए दूसरे संगठनों से सहयोग मांगा जाएगा।

19 मार्च को मंडी बचाओ-खेती बचाओ आंदोलन

इसी क्रम में 19 मार्च को मंडी बचाओ-खेती बचाओ आंदोलन किया जाएगा। इसमें मंडी में किसान धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे। इसमें मुख्य मुद्दा जमाबंदी और फरद को लेकर जो अनिवार्यता लागू की गई है, इसका विरोध किया जाएगा। 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाएगा और आंदोलन स्थलों पर युवाओं का आहवान किया गया है। वह इस आंदोलन की बागडौर संभालेंगे। इसी क्रम में 28 मार्च को होली के दिन तीनों कानूनों को किसान धरनास्थल पर होली जलाई जाएगी।

जिन विधायकों ने नहीं सुनी फरियाद उनका बहिष्कार

इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर किसान नेताओं ने कहा कि जिन विधायकों ने किसानों की आवाज और फरियाद नहीं सुनी हैं, उनका बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले से इनका गांव में विरोध हो रहा था, अब इनको किसी सूरत में गांव में नहीं आने देंगे। हरियाणा के किसान नेता वीरेंद्र हुड्डा एवं विकास सिरसा ने कहा कि आज तय हो गया है कि कौन किसानों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि जो साथ खड़े नहीं हुए, उनके खिलाफ किसान कठोर व्यवहार करेंगे। अब इन्हें गांव में नहीं घुसने देंगे।

Tags

Next Story