भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव कुमारी सैलजा ने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव कुमारी सैलजा ने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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पत्र में कुमारी सैलजा ने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया वापस लेने के साथ-साथ सरपंचों पर प्रदर्शन के दौरान दर्ज की गई एफआईआर भी रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से प्रशासनिक स्तर पर कमीशनखोरी को बढ़ावा मिलेगा और पंचायतें कमजोर होंगी।

चंडीगढ़ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने ई-टेंडरिंग (E Tendring) प्रक्रिया वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया वापस लेने के साथ-साथ सरपंचों (Sarpanch) पर प्रदर्शन के दौरान दर्ज की गई एफआईआर भी रद्द करने की मांग की है।


मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा लाई गई ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से प्रदेश में खासा रोष व्याप्त है। प्रदेशभर के सरपंच इस प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलनरत हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बीते दिनों प्रदर्शन कर रहे सरपंचों पर लाठी चार्ज भी किया गया था, जिसमें कई सरपंच घायल हुए थे। कुमारी सैलजा ने कहा कि दो लाख से ऊपर के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग के फैसले से गांवों में विकास कार्य प्रभावित होंगे। ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से प्रशासनिक स्तर पर कमीशनखोरी को बढ़ावा मिलेगा और पंचायतें कमजोर होंगी। इससे पहले भी सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में राइट टू रिकॉल बिल लाया था, जो पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारों को कमजोर करने वाला था। पंचायतों के कामकाज व उनके फंड पर नजर रखने के लिए सरकार के पास कई विभाग हैं। सरकार चाहे तो पंचायत के हर कार्य का ऑडिट करवा सकती है।

पत्र में उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया वापस लेने की मांग कर रहे सरपंचों की बात को सुना जाए और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को प्रदेश हित में तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। इसी के साथ प्रदर्शन के दौरान सरपंचों पर दर्ज की गई एफआईआर (FIR) भी रद्द हो।

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