नाबालिगों की शादी रुकवाने के लिए पहल : Akshaya Tritiya से पहले प्रशासन की निगाहें तलाशेगी स्कूलों से ड्राप आउट बच्चाें को

हरिभूमि न्यूज.भिवानी
अबूझ (बिना मुर्हुत निकवाए शादी करना) सावा अक्षय तृतीया पर विवाह-शादी की भरमार होती है। बिना मुहुर्त निकलवाए उक्त तिथि पर हर कोई अपने लाडले या लाडली की शादी करने की जुगत में होता है। इस दौरान बालिगों के अलावा नाबालिगों की भी शादियां चोरी छिपे करवाई जाती है। नाबालिगों की शादियों पर पूरी तरह से विराम लगाने के मकसद से जिला प्रशासन ने उक्त विवाह मुहूर्त से पहले स्कूलों से ड्राप आऊट बच्चों की स्थिति जाने के निर्देश दिए है। स्कूलों के हिसाब से इस तरह के लिस्ट तैयार करने के भी आदेश दिए है। इसको लेकर ग्राम पंचायत व कस्बा स्तर पर मुनादी करवा कर लोगों को इस बुराई के प्रति जागरूक करने का आहवान किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, सीईओ, डीडीपीओ,डीईओ व अन्य अधिकारियों को अक्षय तृतीय पर नाबालिगों की शादी रोकने के निर्देश दिए है। भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि वे गांव कस्बों व अन्य जगहों पर जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक करे। साथ ही लोगों को आगाह करे कि अगर किसी के आसपास इलाके में इस तरह की शादी होती है तो तत्काल सूचित किया जाए। ताकि समय पर इस तरह की शादी को रूकवाया जा सके। इसको लेकर वे अभियान चलाए।
ड्राप आउट बच्चों पर रखे नजर
भेजे निर्देशों में कहा गया है कि वे स्कूलों से ड्राप आउट बच्चों की लिस्ट तैयार करवाए। साथ ही यह जानकारी भी ले कि वे फिलहाल किस हाल में है और वे क्या कर रहे है। सभी स्कूलों के ड्रॉप आउट बच्चों की सूची तैयार की जाए। साथ ही यह भी जानकारी हासिल करे कि कभी नाबालिग की शादी तो नहीं करवाई जा रही है। अगर इस तरह की कोई स्थिति बनी है तो तुरंत जिला प्रशासन के पास सूचना दे। इनके अलावा उक्त अधिकारी गांव, कस्बा, वार्ड स्तर पर अभियान चलाए और लोगों को नाबालिगों की शादी न करने के प्रति प्रेरित करे।
अबूझ सावा इसलिए प्रशासन बनाए रखेगा नजर
डीसी की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि तीन मई को अखातीज या अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम बिना किसी मुहूर्त के निकलवाए किया जा सकता है। जिन परिवारों में नाबालिग की शादियां की जाती है ऐसे परिवार इन मुहूर्त को ही ज्यादा चुनते हैं क्योंकि इस दिन एक तो शादियां बहुत अधिक होती है इसलिए किसी का ध्यान इस तरफ नहीं जाता कि कहां पर नाबालिग की शादी करवाई जा रही है। कक्षा 10वीं या 11वीं के बाद जो छात्राएं पढ़ाई छोड़ जाती है या ड्राप आउट हो जाती है उन छात्राओं पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी पत्र लिखकर उन छात्राओं का डाटा मांगा है जिन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी है।
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