हरियाणा : खाद्य आपूर्ति विभाग का इंस्पेक्टर और बिचोलिया 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार, होटल से चलता था घूसखोरी का धंधा

हरियाणा : खाद्य आपूर्ति विभाग का इंस्पेक्टर और बिचोलिया 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार, होटल से चलता था घूसखोरी का धंधा
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स्टेट विजिलेंस ब्यूरो इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। जांच टीम ने पीड़ित प्रवीन से संबंधित कागजात भी ले लिए है। आरोपियों को काबू कर मामले की बारीकी से छानबीन की जा रही है कि रिश्वत का पैसा कहां-कहां तक जाता था और इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं।

हरिभूमि न्यूज.अंबाला-बराड़ा

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने घूसखोरी के आरोप में खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर विनोद दुबे व बिचोलिए को बीस हजार रुपये की रश्वित लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है। अब जांच टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है। शुरूआती जांच में पता चला रहा है कि यहां के चटोरे व द न्यू ताज रेस्टोरेंट की आड़ में घूसखोरी का धंधा चल रहा था। देर रात ही जांच टीम ने दि न्यू ताज होटल पर विजिलेंस टीम ने रेड कर घूसखोरी के इस धंधे का भंडाफोड़ किया था। बताया जा रहा है कि यह होटल विनोद दुबे का ही है।

ऐसी की विजिलेंस ने कार्रवाई

बराड़ा स्थित वार्ड नं 9 के डिपो होल्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का इंस्पेक्टर विनोद दुबे उस पर दबाव बना रहा था कि उसके क्षेत्र में एक डिपो खोलने की फाइल आई है। इंस्पेक्टर दबाव बनाकर दो बार बीस-बीस हजार रूपये की रकम उससे ले चुका था लेकिन तीसरी बार बीस हजार की ओर रकम इंस्पेक्टर ने मांगी थ। इसकी शिकायत उसने विजिलेंस को कर दी थी। पूरी प्लानिंग के साथ छापेमारी कर जांच टीम ने दुबे को काबू कर लिया है। इंस्पेक्टर ने डिपो होल्डर प्रवीन को फोन पर बताया कि उसे होटल पर हरीश ठेकेदार मिलेगा और रकम उसे दे देना। प्रवीन होटल में पहुंचा और मांगी गई रकम हरीश को दे दी। हरीश ने पैसे इंस्पेक्टर को पकड़ा दिए। उसके तुंरत ही बाद मौके का इंतजार कर रही टीम ने रेड कर इंस्पेक्टर से बीस हजार रुपये काबू कर लिए।

इस खेल में कौन-कौन शामिल, जांच होगी

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। जांच टीम ने पीड़ित प्रवीन से संबंधित कागजात भी ले लिए है। आरोपियों को काबू कर मामले की बारीकी से छानबीन की जा रही है कि रिश्वत का पैसा कहां-कहां तक जाता था और इस खेल में और कौन-कौन शामिल है। वहीं क्षेत्र के कई डिपो होल्डरों ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि इंस्पेक्टर विनोद दुबे अक्सर डिपो होल्डरों को रिश्वत के नाम पर तंग करता था। एक बार तो उन्होंने उसकी शिकायत करने का प्लान भी बनाया था लेकिन जब इंस्पेक्टर को डिपो होल्डरों की इस बात का पता चला तो उन्होंने उनके पैसे भी वापिस कर दिए थे।


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