फसल के भुगतान में देरी होने पर किसानों को दिया जाएगा ब्याज

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ( Cm Manohar Lal ) ने कहा कि मंडियों में गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में सम्बन्धित जिला उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि जे-फार्म जारी होने के 24 घंटे के अन्दर फसल का उठान हो जाए और 72 घंटे के अन्दर पैसा किसान के खाते में पहुंच जाए। मुख्यमंत्री हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट, स्वामित्व योजना और जल जीवन मिशन को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
सीएम मनोहर लाल ने उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने की हिदायत दी कि मंडियों में अनाज लेकर आने वाले किसानों को किसी तरह की दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि इस समय भुगतान में किसी तरह का विलम्ब होने पर सरकार द्वारा किसानों को 9 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय लिया गया है लेकिन इस कार्य में अधिकारियों या कर्मचारियों के स्तर पर किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि जल-जीवन मिशन के क्रियान्वयन में हरियाणा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है और इस मामले में हम देश में तीसरे स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को पेयजल मुहैया करवाना जितना जरूरी है, इसका निपटान करना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर पूरा फोकस किया जाना चाहिए क्योंकि इसका सही प्रबंधन न होने से कई तरह की बीमारियां पनपती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पानी के उचित प्रबंधन के लिए द्विवार्षिक योजना बनाई है जिसका मकसद हर बूंद पानी का उपयोग और पुन:उपयोग सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों में पानी की समुचित व्यवस्था हो। चारदीवारी, शौचालय, सफाई, रंग-रोगन और पौधारोपण जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि वहां का वातावरण अच्छा रहे। उन्होंने विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी बारिश के मौसम से पहले रूफटॉप के पानी की रिचार्जिंग के भी समुचित प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह जरूरी है कि पेयजल आपूर्ति योजनाओं के संचालन और रख-रखाव का काम संबंधित ग्राम पंचायतों को सौंपा जाए। विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायता संगठन (वाटर एंड सेनिटेशन स्पोर्ट ऑर्गेनाइजेशन) ने 500 से अधिक ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव लेकर ग्राम पंचायतों को इस काम के लिए प्रेरित किया है। ये ग्राम पंचायतें अपने गांवों के जल संसाधनों के संचालन और रख-रखाव का दायित्व लेने के लिए तैयार हैं।
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