डीसीआरयूएसटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बोले- गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश को बनाए आत्मनिर्भर

सोनीपत : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय भारत सरकार तथा ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन के सहयोग से दीनबंधु छोटूराम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्यातिथि के रूप में शुभारंभ करते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हर प्रकार के क्षेत्र व सभी कार्यों में गुणवत्ता लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को इलैक्ट्रोनिक्स व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुणवत्ता स्थापित करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ायें।
डीसीआरयूएसटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित कुल 07 देशों ने भाग लिया, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, इंडोनेशिया तथा ग्रीस शामिल हैं। देश-विदेश के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश व दुनिया में मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग का व्यापार लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति कहीं न कहीं इसके साथ जुड़ा है और वो उसी चीज को ज्यादा अहमियत देता है जिसकी गुणवत्ता सबसे अच्छी हो। इसलिए हमें इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ कार्य करते हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, भारत के मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार 2021 में 0.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जो 2029 तक 3.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा खाद्य क्षेत्र भी केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके उत्पाद जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ ग्राहक जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टेड पैकेजिंग को अपना रहा है। उन्होंने कहा कि मुद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्ट पैकेजिंग एक प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्र है। इस दौरान राज्यपाल ने संबंधित विषय पर रचित पुस्तक इंप्रिंट ऑफ ए प्रिंटर का भी विमोचन किया।
इस मौके पर डीसीआरयूएसटी के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार अनायत ने कहा कि एक सब्सट्रेट पर कागज पर स्याही जोड़ने की तकनीक के रूप में छपाई का काम पहले ही खत्म हो चुका है। अब, वैज्ञानिक बेहतर मूल्य संस्करणों की तलाश में हैं। अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल सिस्टम का भविष्य प्रिंटेड इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से होगा। नैनो साइंस ने हमें लगभग सभी सामग्रियों को नीचे लाने में मदद की है और जिन्हें चुनिंदा सब्सट्रेट पर नियंत्रित तरीके से जमा किया जा सकता है। तो इस तरह हर उत्पादन की लागत बहुत कम होगी शायद अगले 5 वर्षों में आप एक मोबाइल फोन को एक विजिटिंग कार्ड की तरह देख सकते हैं जो एक कागज पर छपा होगा और यह पुन: प्रयोज्य और टिकाऊ है। प्रिन्टेड इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स और पैच का उपयोग चिकित्सा उपयोगों के लिए भी किया जाता है, यहां तक कि रोगी की स्थिति और इसी तरह के अनुप्रयोगों को जानने के लिए भी। इसलिए प्रिंटेड इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स कई नैनो स्केल अनुप्रयोगों को अपने हाथ में लेने जा रहा है। तो यह अधिक पुनर्गठित, पुनर्निर्मित है और यह आने वाले समय में इंजीनियरिंग और ब्रह्मांड के विकास में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।
इस मौके पर राई हलका विधायक मोहनलाल बड़ौली ने विशेष उपस्थिति दर्ज करवाते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन की बधाई दी। इस दौरान इंटरनेशनल रिलेशन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रो० कमल चोपड़ा ने कहा कि दीनबंधू छोटूराम ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष अलख जगाई।
इस मौके पर डीसीआरयूएसटी के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्रकुमार अनायत, राई हलका विधायक मोहनलाल बड़ौली, इंटरनेशनल रिलेशन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रो० कमल चोपड़ा, रजिस्ट्रार प्रो० सुरेश कुमार, प्रो० पी चन्द्र, प्रवीन अग्रवाल, प्रो० अशोक शर्मा, प्रो० कमल मोहन चोपड़ा तथा अश्विनी गुप्ता सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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