International Gita Festival : ब्रह्मसरोवर के पवित्र घाट बने कला व संस्कृति के अद्भुत संगम स्थल

- कलाकृतियां बनी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का श्रृंगार
- बारीकी का अनोखा नमूना है अजमेर के कलाकार की किशनगढ़ी चित्रकला
Kurukshetra : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर पवित्र ब्रहमसरोवर के घाट कला और संस्कृति के अदभुत संगम स्थल बन गए है। इस दृश्य का आनंद लेने और अपने मोबाइल में कैद करने के लिए देश व प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु व पर्यटक बड़े उत्साह के साथ पहुंच रहे है। इन पर्यटकों का उत्साह उस समय झलकता है, जब विभिन्न प्रदेशों के वाद्य यंत्रों और लोक नृत्यों के साथ पर्यटक झूम उठते है। अहम पहलू यह है कि हरियाणा पैवेलियन में हरियाणा की ऐतिहासिक धरोहर संजोए बेजोड़ नमूने, हरियाणा की आन-बान-शान देहाती पगड़ी, हरियाणा के पारम्परिक व्यंजन, देशी ठाठ-बाट, रहन-सहन, खेत-खलिहान, मध्य प्रदेश के पवेलियन में झलकती सांस्कृतिक धरोहर इस महोत्सव के आनंद को ओर बढ़ाने का काम कर रही है।
महोत्सव के 15वें दिन सरस और शिल्प मेले का आनंद लेने और खरीदारी करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक ब्रहमसरोवर के घाटों पर नजर आए। यह महोत्सव चरम सीमा पर पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में भी लाखों लोगों के पहुंचने की सम्भावना है। इस महोत्सव में लगातार बढ़ रही भीड़ से यह आकलन किया जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव प्रदेश ही नहीं देश वासियों का एक विशेष उत्सव बन चुका है और इस उत्सव में अपनी भागीदारी और मौजूदगी को दर्ज करवाने के लिए देश-विदेश से लोग ब्रहमसरोवर के तट पर पहुंच रहे है। विभिन्न प्रदेशों की लोक और शिल्प कलाओं को देखकर ऐसा मालूम होता है कि इन कलाओं का यह संगम पर्यटकों को अपनी ओर चुम्बक की तरह खींच रहा है। इस महोत्सव के शिल्प और सरस मेले का 24 दिसंबर तक आनंद लिया जा सकेगा।
कलाकृतियां बनी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का श्रृंगार
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में विभिन्न राज्यों की कला से ब्रह्मसरोवर चमक उठा है। इस महोत्सव में अपनी श्रेष्ठता को प्रस्तुत करने वाले कलाकारों में से एक हैं सुधीर कुमार, जो 20 साल से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर अपनी कलाकृतियों से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। स्टोन वर्क पेंटिंग, क्रिस्टल पेंटिंग, 5जी पेंटिंग, तांबे से बनी पेंटिंग, बबल्स पेटिंग, लकड़ी से बनी पेंटिंग और कैनवस पेंटिंग जैसी अद्भुत कलाकृतियां उनकी कला की विविधता को दर्शाती है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपने 20 साल के अनुभव के बारे में बताते हुए सुधीर कुमार ने कहा कि हर साल उन्हें यहां आए लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है जो उन्हें अगले साल दोबारा आने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। पर्यटकों के द्वारा उनकी कला की कदर और प्रशंसा उनके लिए किसी पुरुस्कार से कम नहीं है। स्टोन वर्क जैसी अदभुत कला के लिए सुधीर कुमार को 1999 में उस समय के गवर्नर अंशुमान सिंह द्वारा राजस्थान राजकीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। आज उनके पास 200 रुपए से लेकर 4000 रुपए तक की पेंटिंग्स मौजूद हैं।
खूबसूरत और बारीक काम वाली पेंटिंग्स दिखाता कलाकार।
बारीकी का अनोखा नमूना है अजमेर के कलाकार की किशनगढ़ी चित्रकला
अजमेर के सुप्रसिद्ध कलाकार पुष्पेंद्र साहू ने इस बार के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में स्टॉल न 137 पर अपने अद्भुत कला को किया प्रदर्शित। किशनगढ़ चित्रकला में इनके परिवार की पुस्तैनी माहिरी होने के कारण पुष्पेंद्र साहू ने इस कला को अपनाया और इस बार ये महोत्सव में अपनी कुछ बेहद खूबसूरत और बारीक काम वाली पेंटिंग्स लेकर पधारे हैं। ये विशेष रूप से बनिठानी और पिछवाई पेंटिंग्स के लिए मशहूर हैं। पिचवाई पेंटिंग्स और विभिन्न पोस्ट कार्ड व प्राचीन स्टैम्प्स पर नगरी कला की छवियां भी इनके द्वारा प्रदर्शित की जा रही हैं। किशनगढ़ चित्रकला के बारे में बताते हुए पुष्पेंद्र साहू ने कहा कि इस कला का प्रयोग भारत सरकार के द्वारा डाक टिकट पर भी किया जा चुका है। इस कला से बनी मशहूर पेंटिंग इंडियन मोनालिसा ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अपनी जगह बनाई है, जो सावन सिंह जी के शासनकाल में निहाल चंद कलाकार ने बनाई थी।
वर्चुअल रियलिटी से पर्यटक कर रहे है ज्योतिसर तीर्थ के दर्शन
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा द्वारा लगाई गई राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में जहां विभिन्न विभागों की योजनाओं की जानकारी मिल रही है। वहीं पर वर्चुअल रियलटी गोगल के द्वारा गीता स्थली ज्योतिसर के साक्षात दर्शन किए जाने की तकनीकी सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। इस वर्चुअल तकनीक से ज्योतिसर तीर्थ के साक्षात दर्शन करने के लिए पर्यटकों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। केडीबी के सदस्य डॉ. ऋषिपाल मथाना व अशोक रोशा ने वर्चुअल रियलिटी गोगल से गीता स्थली ज्योतिसर की डाक्यूमेंट्री को देखा। उन्होंने इस तकनीक सुविधा की सराहना करते हुए कहा कि इस तकनीक के द्वारा गीता स्थली ज्योतिसर के साक्षात दर्शन हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे ज्योतिसर में ही खड़े हैं और हम वहां के धार्मिक स्थलों का नजदीक से दर्शन कर पा रहे हैं।
महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुति देते कलाकार।
हैंडमेड चॉकलेट बनी महोत्सव में आने वाले बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों की पहली पसंद
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आगामी 24 दिसंबर तक चलने वाले सरस मेले में इस बार बच्चों की पसंद का विशेष ध्यान रखा गया है। बच्चों के लिए मेले में स्वादिष्ट चॉकलेट्स उपलब्ध हैं और बड़ी बात तो यह है कि यह चॉकलेट्स हैंडमेड हैं और 50 से भी ज्यादा फ्लेवर में उपलब्ध इन चॉकलेट्स को देखकर बच्चे तो बच्चे, बड़ी उम्र के चॉकलेट शौकीन भी अपने आप को रोक नहीं पा रहे और चॉकलेट लेने के लिए मेले में भीड़ लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में यह चॉकलेट्स ब्रह्मसरोवर के घाट पर लगे सरस मेले के स्टॉल नंबर 172 पर उपलब्ध हैं। स्टॉल पर मौजूद कपिल बताते हैं कि उनके द्वारा तैयार चॉकलेट्स किसी बड़े ब्रांड के चॉकलेट की तुलना में कहीं कम नहीं है। सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि हैंडमेड चॉकलेट्स होने के बावजूद तैयार करते समय इनके हाइजीन होने का विशेष ध्यान रखा गया है।
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