अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव : ब्रह्मसरोवर के घाटों पर दिख रही लोक संस्कृति की झलक

- प्राकृतिक अगरबत्ती की महक ने महोत्सव में फैलाई सुगंध
- कपड़े पर बनी पेंटिंग्स ने मोहा दर्शकों का मन
Kurukshetra : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर देश की लोक संस्कृति का महाकुम्भ देखने को मिल रहा है। इस लोक संस्कृति के महाकुम्भ में जम्मू कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, असम, राजस्थान, उतराखंड के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। इन कलाकारों को उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला क्षेत्र पटियाला की तरफ से आमंत्रित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में सरस और शिल्प मेले में शिल्प कलाओं के साथ-साथ देश की लोक संस्कृति को देखने का एक बार फिर सुनहरी अवसर पर्यटकों को मिला है। इस वर्ष महोत्सव के शिल्प और सरस मेले के साथ-साथ लोक संस्कृति का आनन्द लेने के लिये ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देश के कोने-कोने से पर्यटक पंहुच रहे हैं। इस वर्ष उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। एनजेडसीसी की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इन तमाम राज्यों के कलाकार अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति से सबका मन मोह रहे हैं।
महोत्सव के एक मंच पर देश के अलग-अलग राज्यों की लोक संस्कृति को देखना हर कोई अपना सौभाग्य मान रहा है। यह कलाकार भी दर्शकों के हुजूम और उत्साह को देखकर मदमस्त होकर अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इन कलाकारों के नृत्य के साथ देखने वाला प्रत्येक व्यक्ति भी अपने पांव को रोक नही पाता है और इन कलाकारों के साथ ही झूमने पर मजबूर हो जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्टद्द्रीय गीता महोत्सव में बेहतरीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है और यह कलाकार लगातार अपने-अपने प्रदेश की प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे है।
लोक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति देते कलाकार।
प्राकृतिक अगरबती की महक से सुगंधित हुआ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भारत के कोने-कोने से आए शिल्पकारों की शिल्पकला व कलाकारों के लोक नृत्य ने एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया है। इन शिल्पकारों व कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी शिल्प व नृत्य कला को बड़े ही अनोखे ढंग से पर्यटकों के सामने रखा जा रहा है। कोई कश्मीर की वादियों से वहां के पारंपरिक वस्त्र लेकर आया है, तो कोई पंजाब की फुलकारी, कहीं राजस्थान की मिठाई सजी है तो कहीं असम का पारम्परिक परिधान खेंजा। इन सभी के बीच हर घर-मंदिर को सुंगधित करने वाली अगरबती भी अपनी महक महोत्सव में बिखेर रही है। अगरबती का लघु कारोबार करने वाले तरुण ने बातचीत करते हुए कहा कि अगरबती जिसके बिना हमारे भारत देश में पूजा अधूरी समझी जाती है। इसलिए श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह साफ-सफाई, प्राकृतिक समान और बिना किसी कैमिकल का इस्तेमाल करके उनके द्वारा सुंगधित अगरबती बनाई जाती है। उनके द्वारा कई प्रकार के फुलों का इस्तेमाल करके अगरबती बनाई जाती है। इन अगरबतियों को बनाने में कस्तूरी का भी इस्तेमाल किया जाता है जो ठंड के मौसम में ज्यादा सुगंध देती है।
पेंटिंग्स का स्टॉल।
वेल्वेट व सिल्क के कपड़े पर बनी पेंटिंग्स कर रही आकर्षित
जब हम कहीं घूमने जाते है तो सबसे पहले वहां पर हमें कोई सुंदर दृश्य व जगह को देखकर उसको अपने मोबाईल में कैद करने का मन करता है। अत्यधिक आधुनिकता के कारण हम हाथों से बनी चित्रकला को भूलते ही जा रहे है। इसी प्रकार महोत्सव में स्टॉल नंबर 93 पर श्रीसक्षम सोसाइटी के अध्यक्ष नंदकिशोर ने अपनी चित्र कला की शिल्पकारी द्वारा महोत्सव में आने वाले पर्यटकों के मन को मोहने का काम कर रहे है। शिल्पकार ने बताया कि उनके पास वेल्वेट, सूती व सिल्क के कपड़े पर बनी पेंटिंग्स मौजूद है। इसके अलावा मैटल वर्क जिसे इंबोच करना कहते हैं, मीनाकारी जो कॉपर के मैटल पर बनती है, सिल्क फॉयल पर मैटल वर्क भी शामिल है। इसके अलावा आभूषण, वुडन वर्क, क्रोशिया, एंब्रॉयडरी भी शामिल है। साथ ही ये ग्राहकों के ऑर्डर के मुताबिक भी काम करते हैं। ये सब काम हाथ से किया जाता है। इनके पास 650 रुपए से लेकर एक लाख तक की पेंटिंग्स है। इससे पहले वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केरला के कोजिकॉट, गोवा, दक्षिण भारत, दिल्ली इत्यादि में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
महोत्सव की वैब साईट पर एक लाख 48 हजार लोगों ने किया विजिट
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के यादगार लम्हों को देश विदेश के लोग अपने जहन में संजोने लगे है। इस महोत्सव के सरस, क्राफ्ट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और प्रशासन की सोशल साईटस पर 25 लाख लोग देख चुके है। इस आंकडे में फेसबुक के 18 लाख 50 हजार और इंस्टाग्राम पर लगभग 6 लाख लोग शामिल है। अहम पहलु यह है कि महोत्सव की वेब साईट इन्टरनेशनल गीता महोतत्सव डॉट इन की वीडियों पर 1 लाख 80 हजार लोगों ने अपने व्यूज भी दिए है। भारत के विभिन्न राज्यों से 5 लाख 35 हजार 350, अमेरिका से 95 हजार 992, कनाडा से 16 हजार 244 लोगों ने प्रशासन की साईट पर हिट किया है।
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