अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला : हरियाणा ने रचा इतिहास, पहली बार मिला पुरस्कार

- व्यापार मेले में रजत पदक से अलंकृत कर हरियाणा का बढ़ाया मान
- समापन समारोह में हरियाणा को स्वच्छता श्रेणी में प्रदान किया गया यह पदक
Haryana : नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले 2023 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वच्छ मंडप श्रेणी में हरियाणा ने इतिहास रचते हुए पहली बार रजत पदक हासिल किया। व्यापार मेला प्रगति मैदान के भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक आयोजित किया गया था। मेले के समापन समारोह में केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत गठित भारतीय व्यापार प्रोत्साहन संगठन के चेयरमेन एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला ने यह पदक प्रदान किया। हरियाणा की ओर से ट्रेड फेयर अथॉरिटी ऑफ हरियाणा के महाप्रबंधक अनिल चौधरी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
व्यापार मेला में इस बार हरियाणा मंडप आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। मंडप में हरियाणा की समृद्ध परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और उपलब्धियों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक के सहारे प्रगति के पथ पर अग्रसर प्रदेश की तस्वीर दिखाई गई थी। इसमें व्यापार और वाणिज्य से लेकर खेलों में प्रदेश की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया। हरियाणा की धरती पर भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन के माध्यम से दिए गए श्रीमद् भगवत गीता में निहित कर्म के संदेश को बहुत ही आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया था। लगभग 600 वर्ग मीटर में बनाए गए मंडप में कुल 51 स्टॉल लगाए गए। पूरे क्षेत्र का समुचित उपयोग करते हुए प्रदेश में निर्मित वस्तुओं का सही ढंग से प्रदर्शन करने के साथ - साथ स्वच्छता पर भी पूरा ध्यान दिया गया। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के संदेश को आगे बढ़ाने में हरियाणा बहुत से मायनों में सफल रहा है और इसी की झलक हरियाणा मंडप में देखने को मिली।
इन्हीं प्रतिमानों से प्रभावित होकर जूरी ने हरियाणा मंडप को स्वच्छता के क्षेत्र में पुरस्कार के लिए चुना और व्यापार मेला के समापन समारोह में हरियाणा को स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रजत पदक से अलंकृत किया। मंडप में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संदेश प्रदर्शित किए गए जो राज्य सरकार के विजन के परिचायक हैं। पिछले 9 वर्षों में हरियाणा में आई डिजीटल और औद्योगिक क्रांति को भी मंडप में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया। सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी की झलक भी विभिन्न उत्पादों के माध्यम से देखने को मिली। इसमें मुख्य रूप से प्रदेश के युवाओं द्वारा बनाई गई ई-साइकिल मेले में आकर्षण का केंद्र रही। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद जैसे आंवला से निर्मित उत्पाद, हर्बल प्रोडक्ट, बासमती चावल, हथकरघा उत्पाद, अचार, मुरब्बा, जूतियां, मानसिक शांति के उपाय बताने वाला फरीदाबाद का ध्यान कक्ष, सहकारिता आंदोलन की प्रगति के पर्याय बने हैफेड और वीटा के स्टॉल आगंतुकों को अपनी ओर खींच रहे थे। एक स्टॉल पर वेस्ट मैटिरियल अर्थात् खराब हो चुकी वस्तुओं का इस्तेमाल करके इको फ्रेंडली तस्वीरें भी बनानी सिखाई जा रही थी। इन तस्वीरों को बनाने का लाइव प्रदर्शन भी मंडप में किया गया।
व्यापार मेले में जहां एक ओर हरियाणा प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया, वहीं दूसरी ओर यह दर्शाया गया कि हरियाणा हज़ारों सालों से व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। प्रदेश की संस्कृति व परंपरा से आगंतुक बहुत प्रभावित दिखे। प्रवेश द्वार के सामने ही हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में प्रचलित रही चौपाल - परंपरा को दर्शाया गया, जहां ग्राम सभा के लोग समूह में बैठकर अपने गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करते हैं और यहां आपसी विवादों का भी निपटारा सौहार्दपूर्ण ढंग से किया जाता है। हिसार जिला के राखीगढी में मिले सिंधुघाटी सभ्यता से जुड़े 7 हजार साल से भी पुराने साक्ष्य दर्शाते हैं कि यहां लोग आदिकाल से ही व्यापार करते आए हैं। उन्नति की गाथा लिखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मौजूदा प्रदेश सरकार ने पिछले 9 वर्षों के दौरान बिजनेस फ्रेंडली नीतियां लागू करके व्यापार को बढ़ावा दिया। इसके परिणामस्वरूप हरियाणा विदेशी निवेशकों के लिए पहली पसंद बन गया है। सरकार की व्यापार हितैषी नीतियों के उत्साहजनक परिणाम आए, जिनको व्यापार मेले में हरियाणा मंडप में विशेष रूप से उल्लेखित किया गया।
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