जींद : धोखाधड़ी करने के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड, आठ पकड़े

हरिभूमि न्यूज. जींद
साइबर अपराध शाखा ने फर्जी ट्रांसपोर्टर व व्यापारी बनकर स्काईलार्क कंपनी के साथ लाखों रुपये की धोखाधडी करने वाले अंतररा'यीय गिरोह का भंडाफोड किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से एक लाख 49 हजार रुपये की नगदी, 14 मोबाइल, 22 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड व एक वाइफाइ डिवाइस को बरामद किया है। पुलिस ने पकड़े गए गिरोह के सदस्यों को चार दिन के रिमांड पर लिया है।
स्काईलार्क फिड प्राइवेट लिमिटेड खेडा खेमावती के राहुल मिश्रा ने गत चार अगस्त को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उनकी कंपनी देशभर में पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात करती है। कंपनी ने मध्यप्रदेश, तेलगाना, पश्चिमी बंगाल के लिए पोल्ट्री फिड सप्लाई करना था। कंपनी के कर्मी नुकूल ने जस्ट डायल के माध्यम से बीएसपी इंडरप्राइजिज महाराष्ट्रा के मोबाइल नम्बर से संपर्क साधा और मोल भाव तय करने के बाद 15 गाडियों को लोढ कर दिया गया। सभी दस्तावेज फर्म को भेज दिए गए। इसी प्रकार फर्म ट्रांसपोर्टर ने स्काईलार्क से संपर्क साधा और गाडियों को बुक कर दिया। लगभग साढे छह लाख रुपये की राशि बीएसपी कंपनी नुमाइंदे द्वारा दिए गए खाते में चली गई। बावजूद इसके किसी भी ट्रांसपोर्टर को राशि कंपनी द्वारा नहीं दी गई। पुलिस ने राहुल मिश्रा की शिकायत पर कुछ लोगों के खिलाफ धोखाधडी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
जांच का जिम्मा साइबर अपराध शाखा को सौंपा गया। जिसके आधार पर साइबर अपराध शाखा ने कार्रवाई करते हुए आगरा उत्तरप्रदेश निवासी अखिलेश, अमित शर्मा, अलीगढ यूपी निवासी हर्ष अत्री, सिरसागंज यूपी निवासी अमित शर्मा, गौतमबुद्ध नगर यूपी निवासी राहुल, नितिश, गांव भीलसी जिला बदायू यूपी निवासी मोहित, गांव सतेती निवासी राहुल, गांव कनकपुर भिंड एमपी निवासी लक्ष्मण को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का सरगना अखिलेश कुमार है। जिसके खिलाफ आगरा में पहले भी दो अपराधिक मामले दर्ज हैं। अखिलेश ने अपने पकडे गए साथियों के साथ मिलकर धोखाधडी को अंजाम दिया। अखिलेश व उसके साथियों ने वेबसाइड बनाकर जस्ट डायल पर अपना नम्बर डाला हुआ था। जो ट्रांसपोर्टर बनकर कंपनी से बात करते थे और फिर कंपनी के मालिक बनकर ट्रांसपोर्टरों से बात करते थे। यहां तक की नामी गिरामी कंपनी के नाम पर बिल्टी भी बनवाई हुई थी। जिस पर उस कंपनी का जीएसटी नम्बर भी दिया गया था। जिन खातों में राशि डलवाई जाती थी वे खाते मजदूरों से कागजात लेकर खुलवाए गए थे, साथ ही दूसरों के नाम से सिम कार्ड भी लिए हुए थे। जिनका प्रयोग धोखाधडी के लिए किया जाता था। पुलिस ने पकडे गए सभी आठ आरोपितों को अदालत में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान आरोपितों से धोखाधडी के मामलों के बारे में तथ्यों को जुटाया जाएगा।
एएसपी नितिश अग्रवाल ने बताया कि गिरोह का सरगना पहले ग्वालियर में कॉल सेंटर चलाता था। वेबसाइट पर खुद का नम्बर डालकर धोखाधडी को अंजाम दे रहे थे। फिलहाल गिरोह के आठ सदस्यों को चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। जिनसे गिरोह के अन्य सदस्यों तथा धोखाधडी की वारदातों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
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