Rewari : आईपीएस अधिकारी की फर्जी फेसबुक आईडी बना मांगे पैसे

Rewari : आईपीएस अधिकारी की फर्जी फेसबुक आईडी बना मांगे पैसे
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हैरानी की बात यह है कि साइबर ठग (Cyber ​​thugs) अब सीधे पुलिस के उच्च अधिकारियों के नाम पर लोगों से मदद मांग रहे है। बॉलीवुड के दिवगंत एक्टिर सुशांत सिंह के जीजा और फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ओपी सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगों ने शहर की ईडन गार्डन सोसायटी के प्रधान अभिषेक झांब के पास फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही पैसे ट्रांसफर करने की मांग की।

हरिभूमि न्यूज :रेवाड़ी

साइबर ठगों की लिस्ट में अब आम से लेकर खास नाम भी जुड़ने शुरू हो गए है। हैरानी की बात यह है कि साइबर ठग अब सीधे पुलिस के उच्च अधिकारियों के नाम पर लोगों से मदद मांग रहे है। बॉलीवुड के दिवगंत एक्टिर सुशांत सिंह के जीजा और फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ओपी सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगों ने शहर की ईडन गार्डन सोसायटी के प्रधान अभिषेक झांब के पास फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही पैसे ट्रांसफर करने की मांग की। संदेह होने पर अभिषेक झांब ने इसकी सूचना फरीदाबाद पुलिस आयुक्त ओपी सिंह को दे दी है।

ईडन गार्डन सोसायटी के प्रधान अभिषेक झांब ने बताया कि रविवार को उनके पास आइपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह के नाम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। वह पहले से ही उनके साथ फेसबुक पर जुड़े हुए हैं। फर्जी आइडी बनाने वाले ने ओपी सिंह व उनकी धर्मपत्नी की फोटो फिल्म अभिनेता स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के साथ लगाई हुई है। बता देना यह भी जरूरी है कि सुशांत सिंह राजपूत आइपीएस अधिकारी ओपी सिंह के साले थे। अभिषेक झांब ने बताया कि फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते हुए संबंधित ठग ने उनसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहना शुरू कर दिया। संबंधित ठग ने लिखा कि वह छोटी से परेशानी में है इसलिए कुछ पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं क्या। झांब ने संदेह होते ही इसकी सूचना ओपी सिंह को दी। बताया गया कि अभिषेक ने फेसबुक पर भी लोगों को सचेत किया है कि वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी की फर्जी आइडी बनाकर पैसे मांगे जा रहे हैं, इसलिए सावधान रहें।

आम से अब खास भी जुड़े लिस्ट में

बताया जा रहा है कि रेवाड़ी में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जिस दिन कोई व्यक्ति साइबर ठग के जाल में फंसा नहीं हो। आए दिन होने वाली साइबर ठगी की वारदातों को पुलिस सुलझाने में नाकाम रही है। आम लोगों को सिर्फ एफआईआर के नाम पर ही न्याय मिलता रहा है, लेकिन अब साइबर ठग आम ही नहीं खास लोगों की लिस्ट बनाकर उनके जरिए ठगी कर रहे है। औसतन हर माह इस तरह की ठगी के 15 से ज्यादा केस आते है।

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