हरियाणा के पूर्व DGP मनोज यादव के खिलाफ जांच के लिए दोबारा हाईकोर्ट पहुंचे IPS वाई पूरन कुमार, जानें पूरा मामला

हरियाणा के आइपीएस ( Ips ) अधिकारी वाई पूरन कुमार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ( ACSecretary Rajiv Arora ) पर भेदभावपूर्ण तरीका अपना कर पूर्व डीजीपी मनोज यादव ( Former Dgp Manoj Yadav ) के पक्ष जांच देने का आरोप लगाया है। कुमार ने कहा कि राजीव अरोड़ा ने पूर्व डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ कार्रवाई की उसकी मांग खारिज कर जांच के नियमों को अनदेखा किया है। उनकी शिकायत पर जांच बेढंग व जल्दबाजी में की गई है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने यादव के खिलाफ उनकी शिकायत की जांच नए सिरे से किसी वरिष्ठ आइएएस या डीजीपी से करवाने का आग्रह किया गया है।
दायर याचिका में कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि राजीव अरोड़ा व पूर्व मुख्य सचिव ने यादव को बचाने के लिए मई माह में उनकी पत्नी जो हरियाणा कैडर की वरिष्ठ आइएएस अधिकारी है को बुलाकर धमकी थी कि वह अपने पति को यादव के खिलाफ शिकायत या एफआइआर न करने को कहे, अगर ऐसा नहीं हआ तो उसके भयंकर परिणाम होंगे। उनकी पत्नी ने मुख्य सचिव व केंद्रीय कार्मिक विभाग को इस बाबत पत्र भी लिखा था। बुधवार को हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव सेहरावत ने याची को सलाह दी कि वो इस बाबत केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण या अन्य उपयुक्त स्तर पर अप्रोच क्यों नहीं कर रहे। इसी के साथ हाईकोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश जारी न करते हुए मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक स्थगित कर दी। ज्ञात रहे कि कुमार ने इस मामले में उसकी शिकायत पर कार्रवाई न करने के कारण पहले अतिरिक्त गृह सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की हुई है।
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