CRSU में भर्ती में अनियमितता का मामला : कार्यकारी परिषद लेगी फैसला, एसीएस ने पत्र भेजकर FIR करवाने के दिए निर्देश

जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Ranbir Singh University) में वर्ष 2016 में हुई अधीक्षक की नियुक्ति को विजिलेंस जांच में गलत ठहराया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कुलपति को पत्र लिख कर तत्कालीन वीसी डा. रणजीत सिंह, तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. संजय सिन्हा, एसोसिएट प्रो. डा. सुरेंद्र सिंह, सविता कुमारी और पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार हवा सिंह पर एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि मामले में दीवाली के बाद विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। जिसमें एफआइआर दर्ज करवाने और अधीक्षक के पद नियुक्त होने वाले अनूप की नियुक्ति को रद करने को लेकर फैसला किया जाएगा। इससे साफ है शिकायतकर्ता को इस मामले में अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में अधीक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। दूसरे आवेदक जगदीप कौशिक ने इस नियुक्ति को गलत ठहराया था। उनके पिता ईश्वर दास ने इसकी शिकायत की थी और स्क्रूटनी कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि तीन अक्टूबर 2016 में अधीक्षक के पद पर अनूप सिंह की नियुक्ति की गई थी। इस पद के लिए आवेदन करने वाले दूसरे आवेदक जगदीप कौशिक के पिता ईश्वर दास कौशिक ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए सीएम विंडो पर शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि दो अक्टूबर 2016 को हुई स्क्रूटनी कमेटी ने अनूप को इस पद के लिए अनुभव नहीं होने के चलते अयोग्य मान लिया गया था। ईश्वर दास कौशिक की शिकायत पर इस मामले की जांच एडीसी ने की थी। बाद में इसकी जांच विजिलेंस से करवाई गई थी। विजिलेंस ने पिछले वर्ष अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी थी। अब इस मामले में कार्रवाई के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से पत्र जारी हुआ है। स्कू्रटनी कमेटी में शामिल सविता कुमारी फिलहाल इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में कार्यरत हैं। सुरेंद्र सिंह चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में प्रोफेसर हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार हवा सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। विजिलेंस रिपोर्ट में इन सभी को नियुक्ति गलत करने का आरोपी ठहराया गया है और कुलपति को पत्र लिख कर इन पर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं।
सीआरएसयू के वीसी डा. रणपाल ने बताया कि दीवाली के बाद परिषद की बैठक बुला कर यह मामला रखा जाएगा। कार्यकारी परिषद जो फैसला लेगा वही कार्रवाई की जाएगी। वह इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले सकते हैं। इस मामले पर कार्रवाई के लिए विवि कार्यकारी परिषद की बैठक बुलानी पड़ेगी। यह वर्ष 2016 में हुई अधीक्षक की भर्ती को लेकर मामला है। इस संबंध में एफआइआर दर्ज करवाने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग से पत्र मिला चुका है।
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