हरियाणा विधानसभा में उठा बल्लभगढ़ कल्पना चावला सिटी पार्क पर कब्जे का मामला, सीएम बाेले - विपक्ष बताए, वे किसके साथ

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बल्लभगढ़ कल्पना चावला सिटी पार्क की भूमि का मालिकाना हक आज भी फरीदाबाद नगर निगम के पास ही है। इस भूमि पर विकसित पार्क का उपयोग आम जनता द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, विवादित भूमि का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मुख्यमंत्री विधानसभा में विधायक नीरज शर्मा, शमशेर सिंह गोगी और मम्मन खान द्वारा बल्लभगढ़ कल्पना चावला सिटी पार्क पर अवैध कब्जे एवं फरीदाबाद को उत्तरप्रदेश के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जोडऩे वाले हाईवे के बारे में लाए गए अल्प अवधि चर्चा के दौरान जवाब दे रहे थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादित भूमि से संबंधित जो भी मामले चल रहे हैं वह आज के नहीं है, काफी पुराने हैं। यह मामले सर्वोच्च न्यायालय तक भी गए। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि इस जमीन पर बने पार्क को खाली करें। विपक्ष पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग यह बताएं कि आज तक इस पार्क को खाली क्यों नहीं किया गया। क्या विपक्ष के साथी फरीदाबाद नगर निगम के साथ हैं या कब्जाधारी व्यक्तियों के साथ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जमीन पर कब्जे से संबंधित मामले वर्ष 1980 से लगातार चल रहे हैं और इन मुकदमों की फरीदाबाद नगर निगम और सरकार द्वारा निरंतर मजबूती से पैरवी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज भी इस विवादित जमीन के मालिकाना हक से संबंधित मामला न्यायालय में विचाराधीन है, फिर भी विपक्ष के लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। वह यह साफ करें कि उनका रुख निगम के तरफ है या वे निजी व्यक्तियों के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि नगर निगम, फरीदाबाद ने लगभग 30 साल पहले इस पार्क को 10.46 एकड़ की पूरी भूमि पर विकसित किया था, जिसमें 1.04 एकड़ लिटिगेशन वाली भूमि भी शामिल है, जिसका अर्थ है कि पार्क पूरी भूमि पर मौजूद है। इस भूमि पर पार्क नगर निगम, फरीदाबाद द्वारा व्यापक जनहित में विकसित किया गया है, इसलिए पार्क के विकास के लिए खर्च करने के लिए किसी भी अधिकारी/कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।
नगर निगम, फरीदाबाद के कर्मचारियों द्वारा निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके लिटिगेशन वाली सिटी पार्क की भूमि को राजस्व रिकार्ड में अवैध प्रविष्टि करने से निजी व्यक्तियों को इस भूमि पर अपना कब्जा / मालिकाना हक दायर करने में मदद मिली। अत: मामला लिटिगेशन में है और नगर निगम, फरीदाबाद केस को आरम्भ से ही सर्वोच्च न्यायालय तथा विभिन्न न्यायालयों में नियमित तौर पर पैरवी कर रहा है। इसके अतिरिक्त लिटिगेशन वाली भूमि अभी तक नगर निगम, फरीदाबाद के कब्जे में है और इस भूमि पर विकसित पार्क का जनसाधारण द्वारा प्रयोग किया जा रहा है। सरकार सभी कानूनी उपायों को अपनाना सुनिश्चित करेगी।
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