ITI पास एक हजार शिक्षुओं को मिलेगा एक साल के लिए सरकारी विभागों में कार्य

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
राज्य सरकार की योजना के अनुसार इस बार जिला महेंद्रगढ़ (District Mahendragarh) में एक हजार आईटीआई पास छात्रों को विभिन्न सरकारी विभागोंं (Government departments) में एक साल के लिए प्रशिक्षु लगाया जाएगा। सभी अधिकारी इस बार नए पोर्टल अप्रेंटिसशिप इंडिया डॉट ओआरजी पर प्रशिक्षुओं की रिक्तियां दर्शाएं, ताकि 20 नवंबर से पहले-पहले प्रशिक्षु लगाने का कार्य पूरा किया जा सके। ये निर्देश अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक मीणा ने नोडल अधिकारियों की बैठक मेंं दिए।
इस अवसर पर एडीसी ने कहा कि इस बार राष्ट्रीय पोर्टल पर प्रशिक्षुओं को आवेदन करना है। इससे पहले सभी विभाग इस नए पोर्टल पर अपनी रिक्तियां दर्शाएं। अगर इस पोर्टल के संबंध में कोई तनकीकी दिक्कत है तो आईटीआई नारनौल में संपर्क करें। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर आवेदन करने वाले छात्र-छात्राएं अच्छी तरह से कॉलम को भरें ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
एडीसी ने कहा कि आईटीआई से एक वर्षीय कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को 7700 रुपये प्रतिमाह व दो वर्षीय कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को 8050 रुपये प्रतिमाह स्टाइफंड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभागोंं को अपने कुल पदोंं के 10 फीसदी प्रशिक्षु रखने हैं। सरकार द्वारा यह बहुत ही अच्छी योजना चलाई गई है। इससे एक तरफ जहां विद्यार्थियों को कोर्स करने के बाद प्रेक्टिकल करने को मिलता हैं, वहींं सरकारी विभागों को भी इन प्रशिक्षुओं से काफी सहायता मिलती है। इसके बाद विद्यार्थियोंं कहीं भी पूरे आत्मविश्वास के साथ साक्षात्कार दे सकेगा। उसे पहले से ही कार्यालयोंं में काम करने की संस्कृति का पता चलेगा। इस बैठक में आईटीआई प्रिंसिपल हरमिंद्र सिंह, नोडल अधिकारी सुनील यादव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कोविड के दौरान भी मिलेगा प्रशिक्षुओं को स्टाइफंड
एडीसी अभिषेक मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कोविड-19 के दौरान भी सभी प्रशिक्षुओं को स्टाइफंड का भुगतान करेंगे। इस दौरान उनकी हाजिरी में छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रशिक्षु ले रहे विद्यार्थियों को बहुत बड़ी राहत दी है। इस संबंध में सभी विभागों को सरकार की ओर से पत्र भी जारी हो चुका है। सभी विभागों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि समय पर सभी का भुगतान हो। अगर बजट नहींं है तो अपने मुख्यालय को पत्र भेजकर इस संबंध में डिमांड भेजें। किसी भी विद्यार्थी का स्टाइफंड नहीं रुकना चाहिए।
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