Breaking News : कैदी से मांगी थी 5 लाख की रिश्वत, हरियाणा सरकार ने जेल एसपी को किया Suspend

Breaking News : कैदी से मांगी थी 5 लाख की रिश्वत, हरियाणा सरकार ने जेल एसपी को किया Suspend
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शमशेर सिंह दहिया जब हिसार जेल के सुपरिटेंडेंट थे उस दौरान उन्होंने अनुरोध नाम के एक कैदी से 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद यह मामला एडीजे की कोर्ट में पहुंचा था।

हरियाणा की मनोहर सरकार ने इस साल के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को भ्रष्टाचार पर एक और बड़ी चोट की है। भ्रष्टाचार के मामले में जेल सुपरिटेंडेंट शमशेर सिंह दहिया को सस्पेंड किया गया है। साथ ही, उसे अंडर रूल-7 चार्जशीट करने के भी आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मुहर के बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने दहिया को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।

यह मामला पिछले कई दिनों से लटका हुआ था। बताते हैं कि मामले को दबाने की भी कोशिश हुई लेकिन राज्य की मनोहर सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम से दहिया बच नहीं पाया। आरोप हैं कि दहिया की पोस्टिंग जब हिसार जेल-। में बतौर जेल अधीक्षक थी तो वहां के एक कैदी अनुरोध से पांच लाख रुपये की मांग की गई। अनुरोध की मां उर्मिला देवी ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग और प्रदेश सरकार को लिखित में शिकायत की।

मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए हिसार के एडीजे को पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा। एडीजे ने अपनी जांच रिपोर्ट में शमशेर दहिया पर लगे आरोपों की पुष्टि की। यह रिपोर्ट मानवाधकिार आयोग में पहुंची। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने सरकार को दहिया के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की। जेल महानिदेशक से होते हुए यह फाइल गृह सचिव और फिर जेल मंत्री रणजीत सिंह के पास पहुंची।

रणजीत सिंह ने भी इस पर मुहर लगाते हुए सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में पूरा केस भेजा और इस मामले में कार्रवाई की सिफारिश की। मुख्यमंत्री से मंजूरी के बाद दहिया को सस्पेंड करने के आदेश दिए गए। सीएमओ से फाइल आने के बाद गृह सचिव ने शुक्रवार को शमशेर दहिया को निलंबित करने के आदेश दिए। गौरतलब यह है कि शिकायतों के कारण ही सरकार ने पहले से ही शमशेर सिंह दहिया को पंचकूला मुख्यालय पर शिफ्ट किया हुआ था। निलंबन के कारण भी उनका मुख्यालय पंचकूला ही रहेगा।

वहीं दूसरी ओर, रेवाड़ी के जेल अधीक्षक अनिल कुमार पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। विजिलेंस द्वारा इस मामले में जेल स्टॉफ के एक व्यक्ति को एक लाख रुपये की रिश्वत के मामले में रंगे-हाथों गिरफ्तार किया हुआ है। विजिलेंस अनिल कुमार को गिरफ्तार करने के लिए भी उनके आवास पर दबिश दे चुकी है लेकिन वह फरार है। इस बाबत विजिलेंस ब्यूरो नोटिस भी जारी कर चुका है। बहरहाल, भ्रष्टाचार के खिलाफ मनोहर सरकार द्वारा की गई इस कड़ी कार्रवाई से पूरे महकमे में हड़कंप है।


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