रिश्वत मामले में जेल वार्डन को 7 साल की कैद

रिश्वत मामले में जेल वार्डन को 7 साल की कैद
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गत दिवस अदालत ने आरोपी राजेश को राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा अदालतमें पेश किए गवाहों व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने सुना दिया है।

गुरुग्राम : जिला जेल के वार्डन द्वारा रिश्वत लेने के मामले में अतिरक्ति जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने दोषी वार्डन को 7 साल की कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरक्ति कारावास भुगतना होगा। गत दिवस अदालत ने आरोपी राजेश को राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा अदालत में पेश किए गवाहों व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने सुना दिया है। गौरतलब है कि गुरुग्राम जिले के पटौदी क्षेत्र के जाटौली निवासी गौरव ने वर्ष 2018 की 9 अक्टूबर को गुरुग्राम राज्य चौकसी ब्यूरो को शिकायत दी थी कि उसका बहनोई कृष्ण हत्या के एक मामले में जिला कारागार भोंडसी में बंद है। जिला जेल में तैनात सिपाही राजेश कुमार धमकी देता है कि उसके बहनोई को इस जेल से हिसार जेल ट्रांसफर करा देगा। इसकी एवज में उसने 10 हजार रुपये की मांग की है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता, इसलिए वह शिकायत दे रहा है। राजेश के साथ उसकी कोई व्यक्तिगत रंजिश भी नहीं है और न ही कोई लेना-देना है।

राज्य चौकसी ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए उपायुक्त के आदेश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में छापामार टीम का गठन कर छापामार कार्रवाई करते हुए जेल वार्डन को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और मामले की सुनवाई अदालत में हुई। राज्य चौकसी ब्यूरो ने अदालत में पुख्ता सबूत व गवाह पेश किए थे।

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