दिल्ली-जयपुर हाईवे पर लंबा जाम : लोगों ने आपदा को अवसर में बदला, कई गुणा महंगा बेचा खाने-पीने का सामान

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर लंबा जाम : लोगों ने आपदा को अवसर में बदला, कई गुणा महंगा बेचा खाने-पीने का सामान
X
पांच दिनों से हो रही बरसात ने इस हाईवे से गुजरने वाले लोगों की जान आफत में डालने का काम किया हुआ है। शुक्रवार को बरसात के बाद लगे जाम को खुलवाने के बाद शनिवार का जाम लोगों के लिए बड़ा कष्टकारी साबित हुआ।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

नेशनल हाईवे नं. 48 दिल्ली और जयपुर के बीच आवागन करने वाले लोगों के लिए किसी आपदा से कम नहीं है। पांच दिनों से हो रही बरसात ने इस हाईवे से गुजरने वाले लोगों की जान आफत में डालने का काम किया हुआ है। शुक्रवार को बरसात के बाद लगे जाम को खुलवाने के बाद शनिवार का जाम लोगों के लिए बड़ा कष्टकारी साबित हुआ। वाहनों के पास जाकर पानी और खाद्य सामग्री बेचने वाले लोगों ने आपदा को अवसर बनाते हुए कई गुणा ज्यादा दाम वसूले।

जाम का आलम यह रहा कि बड़ी संख्या में सुबह करीब 7 बजे जाम में फंसे लोगों को निकलने के लिए दोपहर तक इंतजार करना पड़ा। हजारों की संख्या में वाहनों में फंसे लोग भूखे-प्यासे रास्ता साफ होने का इंतजार करते रहे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। कोटपुतली निवासी राजेश, जयपुर निवासी विजय, दिल्ली निवासी राजू व राकेश आदि ने बताया कि वह करीब 7 घंटे से जाम में फंसे हुए हैं। उन्हें पीने के पानी की बोतलें 70 रुपए तक में खरीदनी पड़ रही हैं। खाने का दूसरा सामान कई गुणा ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। बच्चों का पेट भरने के लिए उन्हें खाने के सामान पर कई गुणा ज्यादा पैसे खर्च करने पड़े हैं।

पानी में बंद होते रहे वाहन

जाम का कारण भिवाड़ी की ओर से आने वाला पानी रहा। हाईवे पर करीब 3 फुट तक पानी खड़ा होने के बाद वाहन उसमें फंसकर बंद होने लगे, जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। क्रेन की मदद से पुलिस और एनएचएआई के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद इन वाहनों को हटवाया। इसके बाद भी जलभराव के कारण छोटे वाहनों का निकलना मुश्किल बना रहा। आलम यह रहा कि एक के बाद एक कई वाहन पानी में फंसकर बंद होते रहे। डीएमसी डा. सुभिता ढाका अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची। हाइवे का पानी निकलवाने के लिए अस्थाई ड्रेन खुदवाने का कार्य शुरू किया गया, परंतु बरसात के चलते इस कार्य में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

Tags

Next Story