जन उत्थान रैली : रात गुजारी खेतों में, सुबह बिधल के पास से सरपंच और जिला पार्षद गिरफ्तार

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत : गोहाना में जन उत्थान रैली में विरोध करने का फैसला ले चुके सरपंचों और जिला पार्षदों पर शनिवार व रविवार थोड़ा भारी पड़ा। यूं तो दो दिनों से पुलिस विरोध करने वालों के पीछे लगी हुई थी, लेकिन शनिवार की रात तो इन सरपंचों को खेतों में गुजारनी पड़ी। ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों में से अधिकतर को तो पुलिस ने शनिवार रात से पहले ही हिरासत में ले लिया था। वहीं जो बचे हुए थे उन पर निगरानी रखी गई। कुछ समझदार अपने घर नहीं गए और रिश्तेदारों के यहां गए तो वहां भी पुलिस पहुंच गई। इतना ही नहीं यूपी एक समारोह में गए जिला पार्षद को पकड़ने के लिए तो यूपी पुलिस भी सक्रिय हो गई थी। हालांकि इन बचे हुए सरपंचों और जिला पार्षद को रविवार दोपहर तक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इससे पहले इनमें से अधिकतर को खेतों में रात गुजारनी पड़ी।
बता दें कि ई-टेंडरिंग और सरपंच द्वारा विकास कार्यों की रकम बढ़ाने की मांग को लेकर सरपंच लगातार विरोध प्रदर्शन करे रहे हैं। इसी विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ दिन पहले यह तय किया गया था कि सरपंच और जिला पार्षद प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे। विरोध करने के लिए गोहाना में प्रस्तावित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जन उत्थान रैली का चुनाव किया गया था। बताया गया था कि रैली में पहुंचकर सरपंच, सरपंच प्रतिनिधि और जिला पार्षद केंद्रीय गृह मंत्री को काले झंडे दिखाएंगे।
हालांकि रविवार को इस रैली में ना तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंच पाए और ना ही सरपंच पहुंच पाए। केंद्रीय गृह मंत्री को खराब मौसम की वजह से रैली स्थल पर नहीं पहुंच पाए और सरपंच सक्रिय पुलिस की वजह से। केंद्रीय मंत्री को काले झंडे दिखाकर विरोध जताने की इच्छा रखने वाले सरपंचों में से अधिकतर को पुलिस ने शनिवार रात तक ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, जिन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका, उन्हें बिधल गांव के पास से रविवार दोपहर तक गिरफ्तार कर लिया गया। इन सरपंचों और जिला पार्षद को मोहाना थाने में रखा गया। जहां पर उपायुक्त ललित सिवाच ने भी सरपंचों से बातचीत की और बताया कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया है। हालांकि उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
गन्ने के खेतों में गुजरी रात
जिला पार्षद संजय बड़वासनियां ने बताया कि उनकी और कुछ सरपंचों की रात गन्ने के खेत में गुजरी, क्योंकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती थी, जबकि वे लोग विरोध दर्ज करवाना चाहते थे। इसी जद्दोजहद में देर शाम तक पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनके पीछे पड़ी रही। सभी सरपंचों के घरों पर कड़ा पहरा रहा। रिश्तेदारों के यहां भी पुलिस पहुंची। संजय ने बताया कि वे रिश्तेदारी में उत्तर प्रदेश गए थे, तो वहां भी उनको गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस पहुंची, लेकिन वे समय रहते निकल आए। गांव में पुलिस का पहरा था, तो उन लोगों ने गन्ने के खेतों में रात गुजारी। यहां पर भी इन लोगों को अपना मोबाइल बंद कर रखना पड़ा। गन्ने के खेतों में रात बिताने वालों राकेश, शमशेर, प्रवीण, प्रदीप आदि सरपंच व सरपंच प्रतिनिधि शामिल रहे।
सड़क पर चल पड़े थे काले झंडे लेकर
बड़वासनी के पास से कुछ सरपंच इकट्ठा होकर गोहाना की तरफ कूच करने में कामयाब हो गए थे। जिला पार्षद संजय बड़वासनियां के नेतृत्व में ये लोग बिधल के पास सड़क पर ही काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। विरोध जताते हुए सड़क पर पैदल चल रहे सरपंचों, सरपंच प्रतिनिधियों और जिला पार्षद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद इन सभी को मोहाना थाना में ले जाया गया। जहां पर दोपहर बाद तक सभी को हिरासत में रखा गया।
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