जश हत्याकांड : चाची के बाद ताई और दादी गिरफ्तार, CBI जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

जश हत्याकांड : चाची के बाद ताई और दादी गिरफ्तार, CBI जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
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ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ न केवल जमकर नारेबाजी की बल्कि करनाल पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने करनाल के एसपी गंगाराम पर गंभीर आरोप जड़े और कहा कि पुलिस बिक चुकी है।

हरिभूमि न्यूज़ : करनाल

करनाल के गांव कमालपुर रोड़ान के रहने वाले चार साल के जश की बेददर्दी से हत्या करने के मामले में पुलिस ने जश की चाची के बाद दो और महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें एक जश की ताई राजेश की पत्नी धनवंती और दूसरी राजेश की मां सौरनदे है। दोनों को इंद्री की कोर्ट में पेश करके एक दिन के रिमांड पर लिया है। वहीं मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर ग्रामीण सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय के समक्ष इकट्ठे हुए। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ न केवल जमकर नारेबाजी की बल्कि करनाल पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने करनाल के एसपी गंगाराम पर गंभीर आरोप जड़े और कहा कि पुलिस बिक चुकी है। हालाकि इस बीच जब ग्रामीणों को यह पता लगा कि राजेश की मां और उसकी पत्नी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है तो ग्रामीण और भी उग्र हो गए। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की।

ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि जब तक सीबीआई की जांच नहीं होती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। काफी देर तक पुलिस कार्यालय के समक्ष पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने के बाद लोगों ने कहा कि वह जीटी रोड जाम करेंगे। हालाकि जिला प्रशासन ने लोगों को जीटी रोड जाम से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था लेकिन बावजूद प्रदर्शनकारी लघु सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन करने के बाद जीटी रोड की तरफ बढऩे लगे। पुलिस प्रशासन ने उन्हें समझाने की बहुतेरी कोशिक की। लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। लोगों ने जीटी रोड की तरफ रूख कर लिया। इस बीच पुलिस भी हाईअलर्ट हो गई। जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने बल प्रयोग शुरू कर दिया। लाठीचार्ज कुछ देर के लिए हुआ। इसके बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए।

प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इतनी गर्मी के बावजूद भी वह एक बच्चे के इंसाफ के लिए इकट्ठे हुए। इसलिए जब तक सीबीआई जांच नहीं बैठती। तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। चाहे यह आंदोलन कितना लंबा ही क्यों न खिंच जाए। लोगो ने सवाल उठाए कि अकेली अंजली एक बच्चे का मर्डर कैसे कर सकती है। जबकि करनाल के एसपी गंगाराम पुनिया ने पहले यह कहा था कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। बच्चे की हत्या के बाद पुलिस ने राजेश के परिवार को तो उठा लिया। लेकिन पहले केवल अंजली की गिरफ्तारी दिखाई और बाद में पुलिस ने बताया कि अंजली अढ़ाई महीने की गर्भवती है। एक हफ्ते के बाद पुलिस ने दो और महिलाओं को काबू किया लेकिन जानबूझकर उनका एक दिन का रिमांड लिया। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि करनाल की पुलिस बिक चुकी है और अब इस मामले की केवल और केवल सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि जश के हत्यारों को फांसी पर चढाया जा सके।

लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में एक बच्चे की दर्दनाक हत्या की गई है। इसलिए लोगों में आक्रोश है। क्योंकि इस वारदात के बाद बच्चे भी सुरक्षित नहीं रहे। इसलिए लोगों का भरोसा अब पुलिस से उठ चुका है। इधर, पुलिस प्रशासन का कहना था कि आज सेक्टर-12 में पीड़ित पक्ष की ओर से एक पंचायत बुलाई गई थी। पंचायत में से 10 लोगों की टीम एसपी गंगाराम पुनिया से मिली। पुलिस द्वारा बताया गया कि गठित की गई एसआईटी टीम जांच कर रही है और लोगों से अपील की गई थी कि वह उग्र प्रदर्शन न करें। जब लोग सडक़ जाम करने के लिए बढे तो पुलिस द्वारा लोगों को हल्की धक्का मुक्की के जरिए जाम लगाने से रोका गया और बाद में लोग घर चले गए। पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया गया है।

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