JBT शिक्षकों का बरसाें का इंतजार समाप्त, जल्द शुरू होंगे तबादले

- शिक्षक संगठनों की मांग को लेकर मनोहर सरकार गंभीर
- स्कूलों में उप प्रधानाचार्य तैनात करने की तैयारी
Chandigarh : हरियाणा में कई बरसों से तबादले का इंतजार कर रहे जेबीटी शिक्षकों (Jbt teachers) के तबादलों की तैयारी पूरी कर ली गई है। शिक्षामंत्री (Education Minister) और विभागीय अफसरों ने जल्द ही ट्रांसफर ड्राइव की शुरुआत होने के संकेत दिए हैं। रेशनेलाइजेशन के बाद शिक्षकों के साथ ही जेटीबी शिक्षकों के तबादले होंगे।
उल्लेखनीय है कि पीजीटी शिक्षकों के भले ही ऑनलाइन तबादले किए गए, लेकिन जेबीटी शक्षिकों के तबादले गत सात-आठ साल से नहीं हुए हैं। शिक्षा मंत्री औऱ अफसरों के संकेत के बाद उन शिक्षकों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से ड्राइव चलने का इंतजार कर रहे हैं। जेबीटी शिक्षकों के तबादले की यह मुहिम मई से शुरु करने के संकेत शिक्षा मंत्री ने दिए हैं। इसके अलावा लंबे अर्से से पीजीटी शिक्षक उनको बतौर लेक्चरर नामित करने की मांग कर रहे हैं, यह मांग भी जल्द पूरी होने जा रही है।
ग्रुप डी के कर्मचारी हरियाणा कौशल निगम के जरिए
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न स्कूलों में सफाई आदि कार्यों के लिए रखे जाने वाले कर्मियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम ( एचकेआरएन) के माध्यम से रखने की तैयारी है। अर्थात ग्रुप डी (चौथी श्रेणी) कर्मियों की नियुक्ति निगम के तहत करने पर विचार किया गया है। 100 से ज्यादा विद्यार्थियों वाले स्कूलों में इन कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
स्कूलों में उप प्रधानाचार्य तैनाती की तैयारी
शक्षिक संगठनों द्वारा काफी समय से उठाई जा रही मांग पर अब राज्य शिक्षा विभाग के आला अफसरों द्वारा स्कूलों में उप-प्रधानाचार्य की नियुक्ति करने का विचार है। स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं होने की सूरत में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इस क्रम में यह तैयारी की जा रही है।
ड्राइव में शामिल हुए शिक्षकों से भी भरवाए विकल्प
शिक्षक संगठन के नेताओं ने कुछ अर्सा पहले ड्राइव में शामिल होकर स्कूलों में पहुंचे शिक्षकों से भी एक बार फिर से विकल्प भरवाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। प्रतिनिधियों का कहना है कि हजारों की संख्या में शिक्षकों ने पांच साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद अपने तबादले कराए और स्कूल भी ज्वाइन कर लिए हैं। ड्राइव में शामिल होकर शहरी और ग्रामीण स्कूलों में पहुंचे शिक्षकों से एक बार फिर से विकल्प भरने के लिए कहा गया है, क्योंकि रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया एक बार फिर से चलाई जा रही है। कुल मिलाकर अधिकांश शिक्षक बार-बार इस तरह के दिशा निर्देशों को लेकर परेशान हैं। यह मामला मंत्री और आला-अफसरों के सामने भी रखा गया है। शिक्षक संगठनों के नेताओं का कहना है कि शिक्षकों को परेशान किया गया तो वे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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