Jind : 37 साल से पशु डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट होने का इंतजार

- गोबर के शहर में लगे अंबार, दिखा रहे स्वच्छता को ठेंगा
- बदबू से आसपास रहने वाले लोगों को करना पड़ रहा परेशानी दो-दो हाथ
- शहर में 250 से ज्यादा चल रही पशु डेयरियां
Jind : पशु डेयरी तथा पशुपालने वाले लोग भी शहर की स्वच्छता को ठेंगा दिखा रहे हैं। 1986 में पशु डेयरियों को बाहर निकालने की योजना बनी थी। आज तक मामला वहीं खड़ा है, जहां से शुरू हुआ था। पशु डेयरी बहुल इलाके में सड़काें के साथ जगह-जगह पशुओं के गोबर के ढेर लगे हैं। यहां तक कि शहर में नहर पटरी को भी नहीं बख्शा। गोबर से उठने वाली बदबू से वहां रहने वाले लोग भी परेशान है। वहां से गुजरने वाले लोगाें को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर पूरे शहर पर नजर दौड़ाई जाए तो 250 से ज्यादा छोटी तथा बड़ी पशु डेयरियां हैं। अकेले अमरेहड़ी रोड पर 100 से ज्यादा छोटी बड़ी पशु डेयरी हैं।
सीवरेज सिस्टम के ठप होने पर 1986 में पशु डेयरियाें को बाहर करने की योजना बनाई थी। उस दौरान मामला इम्प्रूमेंट ट्रस्ट के अधीन था। इम्प्रूमेंट ट्रस्ट भी समाप्त हो गया। फिर पावर नगर पालिका के पास चली गई। जहां से मामला शुरू हुआ था, फिर वहीं आकर अटक गया। नगर परिषद अस्तित्व में आने के बाद नप चेयरमैन पूनम सैनी ने प्रस्ताव पास किया। जमीन की तलाश शुरू हुई, जिस जमीन का प्रपोजल तय किया था। वहां पर मेडिकल कॉलेज अलॉट हो गया। उसके बाद फिर से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 37 साल से मामला ज्यों का त्याें बना हुआ है, जबकि अमरहेड़ी रोड पर काफी पशु डेयरियां अस्तित्व में आ गई है।
गोबर के लगे ढेर, लोग हो रहे परेशान
शहर में सबसे ज्यादा पशु डेयरी पुरानी सब्जी मंडी के आसपास के इलाके में है। डेयरी बहुल इलाके अमरेहड़ी रोड पर पशुओं के गोबर से सड़क किनारे ढेर लगे हुए हैं। यह इलाका हांसी ब्रांच नहर के साथ भी लगता है। वहां पर खाली प्लाटाें में बागवानी विभाग की दीवार के पीछे सड़क के साथ तथा अमरेहड़ी रोड पर कई स्थानाें पर गोबर के अंबार लगे हैं। खुले में डाले गए गोबर से उठने वाली बदबू से उस इलाके के लोग भी परेशान है।
गोबर से सीवरेज तथा नाले हो रहे अवरूद्ध
पशु डेयरियों का गोबर सीवरेज तथा गंदा पानी निकासी नालों को भी अवरूद्ध कर रहा है। गोबर को बाहर खुले में डालने का कार्य रात या अल सुबह किया जाता है। पशु डेयरी में जहां पशु बांधे जाते हैं। उस स्थान को पानी से साफ किया जाता है। पशुओं का मल मूत्र बह कर सीवरेज तथा नालाें में चला जाता है, जिसके चलते उनमें जमा हुई गंदगी सीवरेज तथा नालों काे जाम कर देती है और गंदगी ओवरफ्लो होकर सड़काें पर आ जाती है। बारिश के सीजन में यह समस्या ओर बढ़ जाती है।
स्क्रीनिंग चैंबर बने, लेकिन फिर उसे ढर्रे पर व्यवस्था
अन्ना टीम के सुनील वशिष्ठ ने बताया कि पशु डेयरियां बाहर करने की योजना तो काफी पुरानी है लेकिन काम नहीं हो पाया। समस्या को देखते हुए डीसी विनय सिंह ने पशु डेयरियाें के आगे स्क्रीनिंग चैंबर बनवाए थे, जिसमें त्रि स्तरीय पाेंड बनाया गया था लेकिन फिर से सिस्टम पुराने ढर्रे पर आ गया। उस दौरान चालान भी किए गए थे। सख्ती जरूरी है। तभी स्वछता बनी रहेगी।
80 लोगों को भेजे गए नोटिस
सफाई निरीक्षक नीलम देवी ने बताया कि खुले में गोबर तथा कूड़ा डालने वाले लोगों व डेयरी वाले 80 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। शहर को साफ सुथरा रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। फिर भी नप टीमें लगातार स्वच्छता को लेकर फिल्ड में रहती हैं। स्वच्छता को ठेंगा दिखाने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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