Jind : दिनभर छाए रहे बादल, हलकी बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड

- तापमान में आई गिरावट, 3 से 4 डिग्री लुढका पारा
- मौसम में आया बदलाव, फसलों के लिए फायदेमंद
Jind : पश्चिमी विक्षोभ के चलते सोमवार को दिनभर आकाश में बादल छाए रहे और हलकी बूंदाबांदी हुई। जिसके साथ अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते मौसम में ठिठूरन भी बनी रही। सोमवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम में आद्रता 53 प्रतिशत तथा हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इस दौरान आकाश में बादलवाई भी देखने को मिलेगी। ठंड को फसलों के फायदेमंद माना जा रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ सक्रियता के चलते बीती रात ही मौसम ने करवट ले ली थी। सोमवार को दिन का आगाज आकाश में छाए बादलों के साथ हुआ। दिन चढ़ने के साथ हवा की गति तेज तथा ठंडी होती चली गई। दोपहर बाद हलकी बूंदाबांदी भी हुई। दिनभर आकाश में बादल छाए रहे। मौसम का मिजाज ठंडा बना रहा। अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। आकाश में छाए बादलों के चलते बूंदाबांदी के भी आसार बने रहे। गेहूं फसल बिजाई का सीजन चला हुआ है। 50 प्रतिशत किसान गेहूं की बिजाई कर चुके हैं। सरसाें भी फुटाव पर है। अगेती गेहूं भी कोर देने पर आ चुकी है। तापमान में गिरावट से फसलों में अच्छा फुटाव होगा ओर ग्रोथ भी अच्छी मिलेगी। अगर बारिश होती है तो बीजी गई फसलों को अच्छा फायदा पहुंचेगा लेकिन कुछ इलाके ऐसे भी है जहां पर अभी तक गेहूं जमीन के तैयार न होने पर किसान इंतजार कर रहे हैं, उन्हें देरी हो सकती है।
ओर बढेगी ठंड, हवा की गुणवत्ता में होगा सुधार
बूंदाबांदी के बाद तापमान में ओर गिरावट आएगी, जिससे ठंड में और इजाफा होगा। पिछले काफी समय से हवा की गुणवत्ता का सूचकांक भी खतरनाक लेवल पर चल रहा है। सोमवार को हवा का एक्यूआई 320 रहा। जो स्वास्थ्य के हिसाब से हानिकारक है। अगर बारिश होती है तो हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। अगर ठंड बढ़ती है तो भी कुछ हद तक हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और दूषित वातावरण से राहत मिलेगी। पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. राजेश ने बताया कि आगे मौसम परिवर्तनशील रहेगा। तापमान में गिरावट आएगी। आकाश में बादलवाई रहेगी। गेहूं बिजाई का समय चला हुआ है। अगेती सरसों में जरूरत के अनुसार पानी दिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें - Sonipat : बीएसएफ के एएसआई धर्मबीर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS