Jind : जर्जर हो रहे कुओं को रंग-रोगन कर दिया अलग रूप

Jind : जर्जर हो रहे कुओं को रंग-रोगन कर दिया अलग रूप
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  • प्राचीन धरोहर संजोए रखने का संदेश दे रही नचार खेड़ा की पंचायत
  • विभिन्न स्लोगन बनाकर समाज को दिया संदेश

Jind : प्राचीन धरोहर गांव की पहचान होते है। गांव की चौपाल, कुआं, तालाब प्राचीन धरोहरों में आते है। नचार खेड़ा गांव की पंचायत द्वारा प्राचीन धरोहर को संजोए रखने के लिए लितानी रोड स्थित तालाब के पास बने कुआं के सौंदर्यीकरण करते हुए रिपेयर करवाने के साथ-साथ रंग-रोगन करवाया गया है। लितानी रोड से होकर आने-जाने वालों की नजर इस कुआं पर पड़ती है तो उसको देखे बिना वो नहीं रह पाते। कुआं पर जाकर सेल्फी तक वाहन चालक लेते है।

सरपंच धर्मबीर पंघाल ने बताया कि गांव का कुआं वर्षों पुराना है। इस कुआं पर महिलाएं पीने का पानी लेकर जाती थी। 1991 में किसी वजह से कुआं पर लोहे का जाल लगा दिया गया। सरपंच के चुनाव के समय चुनाव जीतने के बाद कुआं से गांव में होने वाले कार्यों की शुरूआत करने की मन में थी। सरपंच बनने के बाद सबसे पहले कुआं को रिपेयर करवाया गया। रिपेयर के बाद प्राचीन कुआं को संजोए रखने के लिए रंग-रोगन करवाया गया। कुआं पर रंग-रोगन होने के बाद तालाब के साथ लगता कुआं अलग सा नजर आने लगा है। आस-पास के गांव में सड़क से जाने वाले ग्रामीण कुआं पर रूक कर इसको देखते है।

विभिन्न स्लोगन बनाकर दिए संदेश

कुआं पर मेरा देश मेरा गांव के साथ-साथ जल बचाओ, पर्यावरण बचाने के लिए पौधरोपण करने के संदेश स्लोगन लिख कर दिए गए है। ग्रामीण मोती राम, राजेंद्र, सुरेंद्र, राजेश ने कहा कि कुआं गांव की धरोहर है। पंचायत द्वारा वर्षों पहले बना कुआं जो निरंतर जर्जर हो रहा था, उसको रिपेयर करवाने के साथ-साथ रंग-रोगन करवा कर अलग रूप देने का काम किया है। हर किसी को चाहिए कि वो अपने गांव की जो प्राचीन धरोहर, जिनमें कुआं को संजोए रखने के लिए उनकी देखरेख करें। रंग-रोगन करवा कर कुआं को नया लुक दे ताकि आने-जाने वाले प्राचीन धरोहरों को देख सकें।

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