जींद में ग्लैंडर्स बीमारी से ग्रस्त थे चार घोड़े, पशुपालन विभाग ने घोड़ों को दी मौत, जानें वजह

हरिभूमि न्यूज. जींद: जींद में पिछले दिनों ग्लैंडर की बीमारी से संक्रमित मिले चार घोड़ों को मंगलवार को मौत दे दी गई। पशुपालन विभाग को ऐसा इसलिए करना पड़ा कि ग्लैंडर बीमारी का इलाज विभाग के पास नहीं है और ग्लैंडर से संक्रमित होने के बाद मौत ही एकमात्र उपाय है। घोड़ों से यह बीमारी अन्य पशुओं लोगों में भी फैल सकती है। ग्लैंडर से संक्रमित घोड़ों को पहले बेहोशी की दवा दी गई और फिर उसके बाद एक दूसरा इंजेक्शन लगा कर उन्हें मौत दे दी गई।
मंगलवार को पशुपालन विभाग की टीम ने हांसी रोड पर स्थित एक जगह पर संक्रमित घोड़ों को ले जाकर उन्हें बेहोशी की दवा देने के बाद मौत की नींद सुला दिया। घोड़ों के मालिक के सामने पूरी सावधानी बरतते हुए किट पहनकर विभाग के कर्मचारियों ने इंजेक्शन लगाने, दफनाने की प्रक्रिया पूरी की।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. रविंद्र हुड्डा ने बताया कि इन घोड़ों से बीमारी मनुष्यों और दूसरे पशुओं को लग सकती थी। इसलिए उन्हें मौत की नींद सुलाया गया है। ग्लैंडर्स बीमारी से ग्रस्त इन चार घोड़ों को पशुपालन विभाग ने पूरे सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ मौत की नींद सुलाया। चूंकि ग्लैंडर्स बीमारी घोड़ों से मनुष्यों को लग सकती है, लिहाजा पशुपालन विभाग की टीम ने पीपी किट पहनी हुई थी।
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