जींद रोडवेज डिपो : रूटों पर चल रही कंडम बसें, रोडवेज को हो रहा नुकसान

हरिभूमि न्यूज. जींद। जींद रोडवेज डिपो में रूटों पर चलाने के लिए कंडम बसों का सहारा लिया जा रहा है। जिससे वह सही तरीके से न तो सवारियां ढो पा रही हैं और न ही किलोमीटर पूरे कर रही हैं। ऐसे में जींद डिपो की कंडम बसें हर रोज एक हजार के लगभग किलोमीटर मिस कर रही हैं। इससे रोडवेज डिपो को नुकसान हो रहा है वहीं यात्रियों को भी रोडवेज सेवा नहीं मिल पा रही है।
सरकार ने प्रदेश के लगभग सभी डिपो में नई रोडवेज बसें भेज दी हैं लेकिन जींद डिपो आज भी नई बसों से वंचित है जबकि जींद के लगते कैथल डिपो को नई 11 बसें भी मिल चुकी हैं। ऐसे में जींद डिपो बसों का टोटा झेल रहा है लेकिन डिपो अधिकारी और सरकार ने जींद डिपो बारे संज्ञान नहीं लिया है। इसका असर यात्रियों पर पड़ रहा है। उन्हें न तो लंबे रूटों पर रोडवेज सेवाएं मिल रही हैं और न ही ग्रामीण क्षेत्र में रोडवेज बसें मुहैया हो रही है। जींद उपकेंद्र की बात करें तो उसमें फिलहाल 49 बसें रह गई हैं जिससे यह बसें लंबे रूटों से लेकर लोकल रूटों पर भी नहीं जा पा रही हैं। यात्रियों को उम्मीद थी कि जींद डिपो के घटते बेड़े में सरकार नई बसें शामिल करेगी जिससे यात्रियों को बेहतर रोडवेज मिलेगी।
नई बसों के लिए जमा करवाए थे सवा तीन करोड़
रोडवेज प्रबंधन ने नई बसों को लेकर सवा तीन करोड़ रुपये की राशि जमा करवा दी थी। जब तीन से चार नई बसें तैयार हुई तो जींद डिपो ने उनकी बीमा पॉलिसी तैयार नहीं करवाई। ऐसे में उन बसों को दूसरे डिपो में भेज दिया गया। जिससे जींद डिपो को नई बसें मुहैया नहीं हो पाई। अब उम्मीद है कि फरवरी महीने में डिपो को नहीं बसें मिल जाएगी।
जींद डिपो को अलॉट हुई हैं 35 बसें, कितनी मिलेंगी पता नहीं
जींद डिपो के महाप्रबंधक अजय गर्ग ने बताया कि जींद डिपो को 35 नई बसें अलॉट हुई थी लेकिन कितनी आएगी, यह अभी यह निश्चित नहीं है। नई बसों के आने से यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा मिलेगी। जींद डिपो में फरवरी के पहले सप्ताह में नई बसें आनी शुरू हो जाएंगी। डिपो ने नई बसों के लिए राशि पहले ही जमा करवा रखी है।
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