पीजीआई के 60 डॉक्टर्स पर नौकरी का संकट, इंटरव्यू का कर रहे हैं इंतजार

पीजीआई के 60 डॉक्टर्स पर नौकरी का संकट, इंटरव्यू का कर रहे हैं इंतजार
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ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान की बाजी लगाने वाले ये डॉक्टर फंस गए हैं। सबसे बड़ी मुसीबत पीजीआई के सामने है, क्योंकि ये 60 डॉक्टर संस्थान से चले गए तो कोरोना की तीसरी लहर से कौन लड़ेगा।

हरिभूमि न्यूज:रोहतक

कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। पीजीआई में कोविड के 4 नए मरीज़ भर्ती हुए हैं। ये नए मरीज़ डेढ़ महीने बाद दाखिल होने शुरू हुए हैं। लेकिन यहां 60-70 डॉक्टर्स की नौकरी पर अब भी संकट मंडरा रहा है। अगस्त में इन डॉक्टर्स को रि-जवाइनिंग करवाई थी। कहा गया था कि 31 अगस्त तक इंटरव्यू लेकर आपको नियमित कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इंटरव्यू के शेड्यूल ही नहीं दिया गया। ऐसे सभी एसआर डॉक्टर्स खुद को अधर में लटका महसूस कर रहे हैं। न तो उन्होंने किसी दूसरे संस्थान में ज्वाइन किया और अब पीजीआई में भी इंटरव्यू नहीं लिए जा रहे। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान की बाजी लगाने वाले ये डॉक्टर फंस गए हैं। सबसे बड़ी मुसीबत पीजीआई के सामने है, क्योंकि ये 60 डॉक्टर संस्थान से चले गए तो कोरोना की तीसरी लहर से कौन लड़ेगा।

कॉमन कैडर का डर नहीं : जुलाई में 200 एसआर डॉक्टर्स को रिलीव कर दिया गया था। कॉमन कैडर के कारण इनकी नियमित भर्ती रुक गई थी। लेकिन अब कॉमन कैडर से हेल्थ यूनिवर्सिटी बाहर है। इसलिए इनके इंटरव्यू पीजीआई अपने स्तर पर ले सकता है। 150 सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की पोस्ट निकाली गई हैं। पहले इनके इंटरव्यू 15-6 जुलाई को होने थे, लेकिन नहीं हुए।

डॉक्टर्स ने ज्वाइन ही नहीं किया : 1 अगस्त को कहा गया था कि जो एसआर पीजीआई में रहना चाहता है रहे और ज्वाइन कर ले। इसके बाद सिर्फ 60 से 70 डॉक्टर्स ने ज्वाइन किया। बाकी दूसरे संस्थानों में चले गए।

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