हरियाणा में जल्द जा सकती है इन HCS अफसरों की नौकरी, सीएमओ ने दी मंजूरी

हरियाणा में जल्द जा सकती है इन HCS अफसरों की नौकरी, सीएमओ ने दी मंजूरी
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अब सीएम की मुहर लगते ही किसी भी वक्त इन अफसरों को सेवा समाप्त करने के नोटिस भेजने की तैयारी है। पूरी सूचना से परेशान हुए अफसरों ने सीएम से मिलने का वक्त मांगा है।

चंडीगढ़। आखिरकार करीब 28 एचसीएस अफसरों ( Hcs Officers ) को नोटिस भेजकर सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर सीएमओ की मुहर लग गई है। अब सीएम की मुहर लगते ही किसी भी वक्त इन अफसरों को सेवा समाप्त करने के नोटिस भेजने की तैयारी है। पूरी सूचना से परेशान हुए अफसरों ने सीएम से मिलने का वक्त मांगा है। दूसरी तरफ सभी को नोटिस भेजने का होमवर्क पूरा कर लिया गया है, साथ ही लीगल राय भी लेकर इस पर पूरी तरह मंथन हो चुका है। पूरे मामले में नौकरी पर संकट के बादल देखने के बाद एचसीएस अफसरों ने सीएम मनोहर लाल ( Cm Manohar lal ) से मिलने का वक्त मांगा है। खास बात यह कि सरकार को इन सभी अफसरों को नोटिस देने के बाद में हाईकोर्ट को अवगत कराना है। पूरे मामले में दो दिसंबर को सुनवाई की तारीख लगाई है।

यहां पर उल्लेखनीय है कि 2004 में ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में चयनित हुए और 2016 में नियुक्त हुए एचसीएस अफसरों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं। पूरा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। 19 एचसीएस, दो एचपीएस और सात ईटीसी को हटाने के लिए राज्य सरकार की ओऱ से सहमति दी गई है। 19 एचसीएस अधिकारी, दो डीएसपी और सात ईटीसी को नोटिस जारी करने का होमवर्क पूरा हो चुका है। उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट ( HighCourt ) का दरवाजा खटखटाते हुए पिक एंड चूज की पालिसी अपनाने के आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद में अदालत ने राज्य सरकार से इस बारे में जवाब मांग लिया था। अब राज्य सरकार की ओऱ से इन्हें हटाने का फैसला करते हुए नोटिस जारी करने की तैयारी है।

कुल मिलाकर 38 अधिकारियों की नौकरी पर संकट दिखाई दे रहा है। इनके अलावा दो डीएसपी ( Dsp ) और सात ईटीसी पर भी संकट के बादल हैं। कुल मिलाकर 2004 में चयनित एचसीएस की सूची पर उसी वक्त से विवाद चला आ रहा था। ज्वायनिंग नहीं होने की सूरत में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के बाद वर्ष 2016 में कमेटी बनाकर ज्वाइनिंग दी गई थी। 12 वर्षों की जांच में 102 में से 38 अफसरों को मिली क्लीनचिट हो जाने के बाद में नौकरी का रास्ता साफ हुआ था। हरियाणा सिविल सेवा वर्ष 2004 बैच में चयनित और 2016 में ज्वायन करने वालों पर एक बार फिर से संकट नजर आने लगा है। 12 वर्षों की कानूनी जंग और जांच के बाद 2016 में ज्वाइनिंग मिली थी।

सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट में इनके ही कुछ साथियों के चले जाने के कराण नौकरी का संकट खड़ा हो गया। जल्द ही इन सभी अफसरों को मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली गई है। हाईकोर्ट में लंबित मामले से इन अफसरों का कोई लेना-देना नहीं है लेकिन सरकार बचे हुए अफसरों को ज्वाइनिंग देने के स्थान पर इन अफसरों पर सख्ती दिखाने की तैयारी कर ली गई है। महाधिवक्ता हरियाणा बलदेवराज महाजन का कहना है कि हाईकोर्ट ने सरकार को बचे हुए उम्मीदवारों को जॉइनिंग कराने के बारे में पूछा था, साथ ही पिक एंड चूज की पालिसी अपनाने पर सवाल खड़े किए थे। जिस पर सरकार ने भर्ती किए गए सभी को बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही है।

गौरतलब है कि वर्ष 2004 चौटाला सरकार में 102 एचसीएस और एलाइड अफसरों का चयन किया गया था। लेकिन 2005 में सत्ता में आई हुड्डा सरकार ( Hooda Government ) ने एचसीएस भर्ती में गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया था। बाद में हुड्डा सरकार ने मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी थी।। विजिलेंस ने 38 लोगों को जांच पड़ताल के बाद में योग्य पाया था। बाद सरकार ने वरिष्ठ अफसरों की एक और जांच कमेटी बनाई जिसने 38 अफसरों को क्लीनचिट दी गई। इस बीच उम्मीदवारों ने पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीमकोर्ट में गुहार लगाई, जहां कोर्ट के आदेशों पर 38 लोगों को ज्वाइनिंग कराने के आदेश जारी हुए। इन आवेदकों में 23 उम्मीदवार एचसीएस के तौर पर थे, इनमें से कई लोगों का अन्य स्थानों पर चयन हो गया था। आईपीएस पंकज नैन इसी बैच में शामिल थे। जो बाद में आईपीएस बन गए। इन सभी की ज्वानिंग वर्ष 2016 में खट्टर सरकार में मुख्य सचिव डीएस ढेसी के कार्यकाल में की गई। अब जब सभी अधिकारी गत पांच वर्षों से विभिन्न स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं, तो अब नया संकट खड़ा हो जाने के बाद में सभी में खलबली मची हुई है।

अफसरों में कौन-कौन शामिल

हाल ही में डिप्टी सचिव एचपीएससी अनिल नागर भले ही गिरफ्तार हो गए हैं, लेकिन वे इसी बैच के हैं। इनके अलावा राजीव प्रसाद, डा. इंद्रजीत, सिंह सुमन भाकर, भूपेंद्र सिंह, जयवीर यादव प्रदीप अहलावत, राकेश सैनी, विजय सिंह जयवीर, संजीव कुमार, भारत भूषण, सत्येंद्र सिवाच, जितेंद्र कुमार, वेद प्रकाश, अश्वनी, सुरेंद्र सिहं, सत्यवान मान, संदीप कुमार और अपूर्व के नाम शामिल हैं।

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