जेल में बंद गुरमीत राम रहीम के जन्मदिन पर आई महज 150 चिट्ठियां

जेल में बंद गुरमीत राम रहीम के जन्मदिन पर आई महज 150 चिट्ठियां
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15 अगस्त को जन्मदिन है, लेकिन इस बार उसके समर्थकों की ज्यादा चिट्ठियां नहीं पहुंच रही हैं। अभी तक जेल में करीबन 150 चिट्ठियां ही पहुंच पाई है। जिन्हें 48 घंटे के लिए अलग रखा जा रहा है। इसके बाद सेेनिटाइज करके ही गुरमीत तक पहुंचाया जाएगा।

विजय अहलावत :रोहतक

सुनारियां जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) का 15 अगस्त को जन्मदिन है, लेकिन इस बार उसके समर्थकों की ज्यादा चिट्ठियां नहीं पहुंच रही हैं। अभी तक जेल में करीबन 150 चिट्ठियां (Letters) ही पहुंच पाई है। जिन्हें 48 घंटे के लिए अलग रखा जा रहा है। इसके बाद सेेनिटाइज (Sanitize) करके ही गुरमीत तक पहुंचाया जाएगा। जबकि इससे पहले डाक विभाग और जेल प्रशासन (Jail Administration) को हजारों चिट्ठियों के आने से मुश्किलों का सामना करना पड़ता रहा है। इस बार अधिकारियों को थोड़ी राहत जरूर मिली है।

सूत्रों का कहना है सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत अपना जन्मदिन 15 अगस्त मनाता आ रहा हैं। इसी माह राखी का त्यौहार भी था। इसके बावजूद लोगों ने इस बार कम चिट्ठियां, ग्रिटिंग भेजे हैं। डाक विभाग द्वारा पिछले कुछ दिनों में जेल तक करीबन 150 चिट्ठियां ही भेजी गई हैं। जिससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। रामरहीम को 2017 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा दुुष्कर्म मामले में 20 साल और बाद में पत्रकार हत्याकांड में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उसे जेल की सबसे सुरक्षित बैरक में रखा गया है।

समर्थक जुटे तो होगी कार्रवाई

रामरहीम के जन्मदिन के दिन स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन है। जिसके लिए जिला प्रशासन जुटा हुआ है। ऐसे में इस दिन गुरमीत के अनुयायी माथा टेकने के लिए जेल के बाहर पहुंच सकते हैं। जिनसे निपटने के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी होगी।हालांकि पुलिस का दावा है कि जेल के आगे नाकाबंदी की गई है और चौक से जेल तक कोई नहीं आ जा सकता। पुलिस इनसे निपटने के लिए पहले से तैयारियां कर रही है। बिना अनुमति जेल के बाहर जुटने वाले अनुयायियों पर शिवाजी कालोनी थाना में केस दर्ज होते रहे हैं।

पहले आई थी दस हजार चिट्ठियां

विगत वर्ष गुरमीत के पास करीबन दस हजार चिट्ठियां और ग्रिटिंग आए थे। जिनको बोरे में भरकर ऑटो द्वारा जेल तक पहुंचाया गया। इसके लिए कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। हरियाणा, राजस्थान, यूपी, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड समेत अन्य कई राज्यों में उसके अनुयायी रहते हैं। जेल में आने वाली चिट्ठियों की पूरी तरह से जांच परख के बाद ही रामरहीम तक पहुंचाया जाता है। उन पर न तो बैरक लिखी होती है और न ही कैदी नम्बर लिखा हुआ है। गुरमीत राम रहीम सुुनारियां जेल रोहतक के नाम से ही सभी पत्र आते हैं।

कोरोना न फैले इसलिए नहीं भेज रहे चिट्ठियां

माना जा रहा है इस बार अनुयायी कोरोना के संक्रमण की वजह से रूके हुए हैं। उनके अनुयायी ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि डेरा प्रमुख कोरोना से सुुरक्षित रह सकें। ज्यादा चिट्ठियां भेजी जाएंगी तो वह कई हाथों से गुजरकर रामरहीम को संक्रमित कर सकती हैं। इसलिए एहतियात के तौर पर ऐसा किया जा रहा है।

सामान्य तरीके से चिट्ठियाें को जेल तक भिजवाया

इस बार गुरमीत के लिए जन्मदिन की ज्यादा चिट्ठियां नहीं आई हैं। इसके लिए न ही अतिरिक्त कर्मचारी लगाने पड़ रहे हैं। सामान्य तरीके से ही इन चिट्ठियाें को जेल तक भिजवाया जा रहा है। -डॉ. डीवी सैनी, इंचार्ज डाकघर रोहतक

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