Kaithal : इमिग्रेशन के नाम पर ठगे 26.50 लाख, 2 आरोपी बने हिस्सेदार

- आस्ट्रेलिया के नाम पर भिजवाया नेपाल और श्रीलंका
- पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की
Kaithal : हिस्सेदारी में वीजा का काम करवाने के नाम पर दो आरोपियों ने एक व्यक्ति से 26.50 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने उसके ग्राहकों को फर्जी वीजा बनवाकर ऑस्ट्रेलिया भेजने की बजाय श्रीलंका भेज दिया, जहां से बाद में उन्हें कैथल वापस बुलाना पड़ा। पीड़ित के आरोपियों के खिलाफ पुलिस (Police) में शिकायत दी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
गांव कमालपुर के मंदीप ने बताया कि वह संजोग पैलेस के पास करनाल रोड पर इमिग्रेशन/वीजा/जहाज टिकेट का काम दो-तीन साल से कर रहा है। उसकी गांव अमराली खेड़ा जिला जींद के बिट्टू के साथ जान पहचान थी। अगस्त 2022 में बिट्टू उसके पास आया और कहने लगा कि उसकी कई शहरों में कुछ बड़े और अच्छे एजेंटों से पहचान है। अगर वे दोनों साथ मिलकर काम करें तो वे इमिग्रेशन का ज्यादा काम कर सकते हैं। बड़े एजेंटों के जरिए आसानी से वीजा लगवा सकते हैं। बिट्टू ने उसकी नवीन बस्ती बोरी नागपुर महाराष्ट्र निवासी दीपक उत्तम बोपाचे से फोन पर बात कराई। आरोपी ने उसे विश्वास दिलाया कि वह विदेशों में भी वर्क परमिट वीजा, टूरिस्ट व स्टडी वीजा 100 प्रतिशत गारंटी के साथ लगवाता है। नहीं तो पैसे वापस कर देता है। विश्वास दिलाने के लिए आरोपी बिट्टू ने दीपक उत्तम बोपाचे की पूरी जिम्मेवारी ली थी।
उन्होंने मिलकर इमिग्रेशन नेशन के नाम से पार्टनरशिप फर्म बनाकर बस स्टैंड के पास केशव मार्केट में काम शुरू कर दिया। आरोपियों के कहने पर उसने अपनी ग्राहकों की फाइल आस्ट्रेलिया टूरिस्ट वीजा लगवाने के लिए उनको दे दी। बिट्टू ने नवंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच उनकी मांग अनुसार लगभग 26.50 लाख रुपये भी दीपक उत्तम के खाते में डलवा दिए। इसके बाद आरोपियों ने उसके ग्राहकों को आस्ट्रेलिया भेजने के एवज में पहले एक ग्राहक भाना के जतिन ढुल को 12 जनवरी 2023 को नेपाल भिजवा दिया और कहा कि वहां य आस्ट्रेलिया भेज देगा। आरोपियों ने कहा कि एक बार जतिन विदेश चला जाए, फिर सब ग्राहकों को भेज देगा। नेपाल में 10-12 दिन ठहराने के बाद आरोपियों ने जतिन को आस्ट्रेलिया नहीं भेजा और वापस दिल्ली बुलवा लिया। जब उसने आरोपियों पर दबाव डाला कि या तो कहे अनुसार आस्ट्रेलिया भिजवाएं या पैसे वापस करें तो आरोपियों ने उसे विश्वास दिलाने के लिए कहा कि उन्होंने युवक को श्रीलंका के रास्ते आस्ट्रेलिया भिजवाने का प्रबंध कर लिया है। वे खुद कैथल में रह कर सारा काम करवाएंगे।
30 जनवरी को वह आरोपी बिट्टू के साथ अपने ग्राहकों को श्रीलंका के जहाज में चढ़ाकर वापस आ गया। उनके साथ आरोपी दीपक उत्तम भी कैथल आ गया। इसके बाद समय-समय पर आरोपी उससे राशि लेता रहा। श्रीलंका गए उसके ग्राहक 22-24 दिन श्रीलंका में बैठे रहे। बाद में 18 फरवरी को आरोपी दीपक उत्तम बिना बताए उसके दफ्तर से फरार हो गया। आरोपी बिट्टू ने भी उस दिन से दफ्तर आना बंद कर दिया। जब उसने आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की दीपक उत्तम ने उसका फोन नंबर ब्लॉक कर दिया और बिट्टू ने भी साफ जवाब दे दिया। अब आरोपी बिट्टू अलग इमिग्रेशन का ही काम कर रहा है। मजबूर होकर उसने श्रीलंका गए ग्राहकों को वापस बुला लिया। जब उसने अपने ग्राहकों के वीजा की जांच करवाई तो पाया कि वे फर्जी हैं। उसने समाज में अपनी इज्जत बचाए रखने के लिए सभी ग्राहकों की राशि वापस कर दी। आरोपियों ने षड्यंत्र के तहत उससे व उसके ग्राहकों के साथ ठगी करने के मामले में केस दर्ज करवाया। पुलिस मामले में जांच कर रही है।
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