कैथल की बॉक्सर मनीषा मौण ने देश की झोली में डाला एक और सोना

कैथल की बॉक्सर मनीषा मौण ने देश की झोली में डाला एक और सोना
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कैथल के एक खेल स्टेडियम में उनके बाक्सिंग कोच गुरमीत सिंह, राजेंद्र सिंह और विक्रम ढुल (Vikram Dhul) को भी बाक्सिंग खिलाड़ियों के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा तथा उपायुक्त सुजान सिंह ने बधाई दी।

नरेश पंवार. कैथल। कैथल की होनहार बाक्सिंग खिलाड़ी मनीषा मौन ने जर्मनी (Germany) में आयोजित बाक्सिंग प्रतियोगिता के 57 किलोग्राम भार वर्ग में देश की झोली में सोना डालने का काम किया है। गौरतलब है कि यह बाक्सिंग का दूसरा गोल्ड मैडल है। इससे पूर्व पुरुष वर्ग की बाक्सिंग में रोहतक के अमित पंघाल ने भी सोने पर कब्जा किया है। जैसे ही सोनिया ने गोल्ड मैडल जीता तो उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया।

कैथल के एक खेल स्टेडियम में उनके बाक्सिंग कोच गुरमीत सिंह, राजेंद्र सिंह और विक्रम ढुल (Vikram Dhul) को भी बाक्सिंग खिलाड़ियों के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा तथा उपायुक्त सुजान सिंह ने बधाई दी। मनीषा के बाक्सिंग कोच ने बताया कि मनीषा पिछले 9 वर्षों से उनके साथ खेल मैदान में बाक्सिंग की तैयारी कर रही है।

उसने बताया कि मनीषा मौन में प्रतिभा देखते ही बनती है। वे शुरू से ही खेलों के साथ-साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देती हैं। मनीषा मौण ने हाल ही में कैथल के एक कॉलेज से स्रातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दी हैं।

जैसे ही मनीषा मौन ने फाइनल में साक्षी को हराकर गोल्ड पर कब्जा किया तो साथी खिलाड़ी खुशियों से झूमे उठे। खिलाड़ियों ने गुलाल उड़ाकर व एक दूसरे को बधाई देकर जश्न मनाया। गौरतलब है कि मनीषा मौन से इससे पूर्व अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी सोनिया लाठर को हराकर सीट पक्की कर ली थी।

गौरतलब है कि वर्तमान में कैथल को बाक्सिंग का गढ़ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। मनीषा मौण इससे पूर्व करीब 25 से 30 नेशनल व इंटरनेशनल मैडल अपनी झोली में डाल चुकी हैं। तीनों कोचों के मार्गदर्शन में स्टेडियम में करीब 80 लड़कियां तथा 100 लड़के प्रतिदिन पसीना बहाते हैं।

मनीषा मौन के कोच ने बताया कि उन्हें शुरू से ही यह भरोसा था कि मनीषा देश के लिए खेलेगी जो वे करने जा रही हैं। गरीब किसान की बेटी मनीषा मौन प्रदेश व देश की दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बनकर सामने आई हैं।


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