Kaithal : 9 करोड़ 72 लाख की लागत से बनेगा चीका का नया आधुनिक बस स्टैंड

- हरियाणा सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग के खाते में जमा करवाए पैसे
- 49 कनाल भूमि में 6 वेज के बनने वाले बस स्टैंड से चलेंगी लम्बे रूट की बसें
Kaithal : चीका शहर के बीचोंबीच चीका पटियाला स्टेट हाइवे के पास नया बस स्टैंड बनाए जाने की लोगों की बहुत पुरानी मांग जल्द ही पूरी होने जा रही है। पटियाला रोड पर स्थित 49 कनाल व 3 मरले भूमि में बनने वाले आधुनिक बस स्टैंड के लिए हरियाणा सरकार ने 9 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि पीडब्ल्यूडी विभाग के खाते में जमा करवा दी है। मालूम रहे कि बस स्टैंड बनाने की जिम्मेवारी पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपी गई है। नतीजतन बस अड्डे की भूमि का इंतकाल पहले ही परिवहन विभाग के नाम हो चुका है और इसके साथ ही मौजूदा जगह की निशानदेही भी ले ली गई है।
बस स्टेंड पर बसें खड़ी होने के लिए फिलहाल 6 बेस बनाए जाएंगे, जिन्हें बाद में बढ़वाने का प्रयास किया जाएगा। यह बस स्टैंड किसी भी बड़े शहर के बस स्टेंड की तरह ही हर सुविधा से सुसज्जित होगा और यात्रियों को किसी प्रकार की भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बस स्टेंड से लम्बे रूट की बसें बनकर चला करेंगी, जिनमें चीका से दिल्ली, अमृतसर, हरिद्वार, ऋषिकेश व अन्य दूरदराज के दर्जनों रूट शामिल होंगे। नया बस स्टैंड बनने से चीका शहर समूचे उत्तर भारत के सभी शहरों से जुड़ जाएगा। नए बस स्टेंड के बनने से स्थानीय व्यापारियों का व्यापार भी बढ़ेगा क्योंकि सुबह पौ फटते ही वे दिल्ली की बस पकड़ सकते हैं और दिनभर खरीददारी करके लास्ट बस में दिल्ली से चीका शहर लौट सकते हैं। इसी प्रकार हरिद्वार आदि धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले बुजुर्गों व आम लोगों के लिए भी जहां यात्रा सुलभ हो जाएगी, वहीं सस्ती भी हो जाएगी।
पुराने बस स्टेंड की लोकेशन सही न होने के चलते वहां ना तो सवारियां ही जाती हैं और ना ही बसें ही बस स्टेंड तक पहुंच पाती हैं जिसके चलते वर्षों पहले बना हुआ पुराना बस स्टेंड लोगों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है । इसी के साथ जल्द ही बाइपास के कार्य को अमलीजामा भी पहना दिया जाएगा। गांव पीडल से गांव टटियाना तक आधुनिक बाईपास मंजूर हो चुका है और बस स्टेंड का निर्माण शुरू होने के साथ-साथ जल्द ही बाइपास पर भी कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
ट्रक यूनियन की जगह बनाया जाएगा बस स्टैंड
प्रशासन ने बस स्टेंड बनने की जगह से ट्रक यूनियन से कब्जा तो ले लिया है परंतु विधायक ईश्वर सिंह ने स्पष्ट किया कि ट्रक यूनियन से जुड़े लोगों से बात करके उन्हें भी सहमति से कोई अन्य जगह उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि वे अपना व्यवसाय पहले की तरह ही कर सकें। मालूम रहे कि जिस जगह पर बस स्टेंड बनने जा रहा है, वहां वर्षों से ट्रक यूनियन चल रही थी परंतु प्रशासन द्वारा कब्जा लेने के बाद अब सैकड़ों ट्रक चालक सड़कों पर आ गए हैं। ट्रक चालकों ने भी मांग की कि उनकी रोजी-रोटी को ध्यान में रखते हुए उन्हें आपस में मिल बैठकर सहमति से जगह उपलब्ध करवाई जाए ताकि वे भी अपने बच्चों का पेट पाल सकें।
पुराने बस अड्डे की जमीन तो नगरपालिका की निकली
इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है कि वर्षों पहले तत्कालीन सरकार ने जिस जगह पर बस स्टैंड बनवाया था, वह जमीन पीडब्ल्यूडी की ना होकर नगरपालिका की निकली। इस मामले में बड़ी बात यह है कि सम्बन्धित विभाग ने उक्त जमीन पर लाखों रुपयों की राशि खर्च कर उस पर बस स्टैंड तो बना लिया परंतु बस स्टैंड वाली जगह की रजिस्ट्री परिवहन विभाग के नाम है ही नहीं। सूत्रों की मानें तो यह मुद्दा आने वाले समय में दोनों विभागों के लिए अहम विषय बन सकता है।
पुराने बस स्टैंड पर नहीं जा रही हैं बसें
जहां फिलहाल जो पुराना बस स्टैंड बना हुआ है, वहां ना तो बसें जा रही हैं और ना ही वहां सवारियां ही पहुंचती हैं। नतीजतन सारा दिन बस स्टैंड पर कौवे बोलते हुए नजर आते हैं। इसके अतिरिक्त बस चालकों ने शहर के सभी मुख्य मार्गों को अस्थाई रूप से अपने आप ही बसें खड़ा होने का स्थान बना रखा है। हालांकि प्रशासन ने पुराने बस स्टैंड को कामयाब करने के लिए कई बार प्रयास किए परंतु उसे सफलता नहीं मिली और बस स्टैंड पूरी तरह जर्जर स्थिति में खड़ा हुआ नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें - राज्यसभा में गरजे Deepender Hooda : महिला खिलाड़ियों के अपमान का उठाया मुद्दा
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS